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लखनऊ: अपनी मेजबानी, मेहमानवाजी और तहजीब के लिए मशहूर लखनऊ की सियासत पहले आप, पहले आप में फंसती नजर आ रही है. लखनऊ जिले की किसी भी सीट पर बीजेपी ने अब तक अपने प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की. वहीं सपा ने भी 2 सुरक्षित सीटों को छोड़कर अब तक लखनऊ जिले की किसी भी सीट पर प्रत्याशियों का ऐलान नहीं किया.
बीजेपी और सपा दोनों Wait & Watch की पॉलिसी अपना रही हैं. बीजेपी इंतजार कर रही है कि पहले सपा की लिस्ट आए और सपा इस इंतजार में है कि पहले बीजेपी उम्मीदवारों की घोषणा करे. यानी पहले आप और पहले आप में बीजेपी और सपा के टिकट अभी रुके हुए हैं.
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बता दें कि लखनऊ जिले में चौथे चरण में चुनाव होना है. चौथे चरण का नामांकन भी शुरू हो चुका है और नामांकन की आखिरी तारीख भी 3 फरवरी आने वाली है लेकिन बीजेपी और सपा के उम्मीदवारों की लिस्ट की वेटिंग बढ़ती जा रही है.
बीजेपी इस बार लखनऊ जिले की सीटों पर नया प्रयोग करना चाहती है. कई विधायकों को इधर से उधर करना चाहती है. बीजेपी कुछ बड़े दिग्गजों को झटका भी देने की तैयार में है. बीजेपी ये चाहती है कि टिकट कटने के बाद कोई बागी ना हो. नाराज नेताओं को बीजेपी कोई मौका नहीं देना चाहती है. इस बार लखनऊ की सीटों पर बीजेपी का लंबा मंथन चल रहा है. लखनऊ कैंट सीट पर रीता जोशी अपने बेटे मयंक जोशी के लिए चुनावी टिकट मांग रही हैं.
लेकिन मयंक जोशी का टिकट बहुत मुश्किल दिखाई दे रहा है. वहीं यूपी सरकार के कई मंत्री अपनी सीट बदलना चाहते हैं. लखनऊ की सरोजिनीनगर सीट पर तो पति-पत्नी ही आमने सामने बीजेपी का टिकट मांगते नजर आ रहे हैं. बीजेपी की रणनीति ये है कि अपने मजबूत चेहरों को बागी होने से रोका जाए.
तो वहीं समाजवादी पार्टी इस इंतजार में है कि बीजेपी की लिस्ट आने के बाद वो अपने प्रत्याशियों की घोषणा करे. ताकि बीजेपी के कुछ बागियों को सपा अपने साथ जोड़ सके और बीजेपी के प्रत्याशियों के हिसाब से जातिगत समीकरण फिट कर सके. समाजवादी पार्टी में भी लखनऊ की एक एक सीट पर कई दावेदार हैं. सपा भी यह नहीं चाहती है कि जिसका टिकट कटे, वो बागी बने. इसीलिए सपा भी बीजेपी की लिस्ट का इंतजार कर रही है. ताकि अपनों को बागी होने का मौका ना मिले. हालांकि सपा ने लखनऊ की दोनों सुरक्षित सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है लेकिन बाकी 7 सीटों पर बीजेपी के प्रत्याशियों का इंतजार कर रही है.
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गौरतलब है कि लखनऊ जिले में कुल 9 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें से 6 सीटें शहरी हैं और 3 ग्रामीण सीटें हैं. 2017 के चुनाव में मोहनलालगंज सीट छोड़कर सभी सीटों पर बीजेपी जीती थी.
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