खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट पर राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा है कि 'अगर बैन किए गए संस्थानों के लोग हमारे इर्द-गिर्द दिखाई दे रहे हैं तो सेंट्रल इंटेलिजेंस को उन्हें पकड़कर जेल भेजना चाहिए. हमें अपने आंदोलनकर्ताओं के बीच ऐसा कोई शख्स दिखाई नहीं दे रहा है.'
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नई दिल्लीः नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा पास किए नए कानूनों के खिलाफ दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर 17 दिन से लगातार किसान आंदोलन जारी है. नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों से कई दफे वार्ता की लेकिन वे अब भी दिल्ली की सीमाओं पर डटे हैं और मांगों को लेकर पीछे हटने को तैयार नहीं हैं. किसानों ने आंदोलन तेज करने का निर्णय लिया है. इसी बीच खबर है कि अल्ट्रा-लेफ्ट नेताओं और प्रो-लेफ्ट विंग के चरमपंथी तत्वों ने किसानों के आंदोलन को हाईजैक कर लिया है. वहीं भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत का कहना है किसानों के बीच कोई भी राष्ट्र-विरोधी तत्व नहीं घूम रहा है.
खुफिया एजेंसी को सलाह
राकेश टिकैत ने आंदोलन के मंच से खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट आने के बाद बन रहे हालात पर चर्चा की. वहीं उन्होंने ये भी कहा कि अगर खुफिया एजेंसियों को लगता है कि आंदोलन में शरारती तत्व शामिल हो गए हैं तो उन्हें कोई भी ऐसा शख्स मिले तो फौरन उनकी पहचान कर जेल में डलवा देना चाहिए.
आंदोलन में नहीं है को राष्ट्रविरोधी तत्व
राकेश टिकैत ने कहा है, 'अगर बैन किए गए संस्थानों के लोग हमारे इर्द-गिर्द दिखाई दे रहे हैं तो सेंट्रल इंटेलिजेंस को उन्हें पकड़कर जेल भेजना चाहिए. हमें अपने आंदोलनकर्ताओं के बीच ऐसा कोई शख्स दिखाई नहीं दे रहा है. अगर हमें ऐसा कोई मिला तो हम उन्हें बाहर निकाल देंगे. टिकैत ने कहा, इस मार्च के जरिए अपने मुद्दों को सुनने के लिए सरकार को एक मैसेज देना चाहते हैं.'
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किसान आंदोलन में दिखाई दिए शरजील, खालिद की रिहाई के पोस्टर
दरअसल, खुफिया सूत्रों के अनुसार किसान आंदोलन से जुड़ी एक रिपोर्ट सरकार को भेजी गई है. रिपोर्ट में बताया गया है कि अल्ट्रा-लेफ्ट नेताओं और प्रो-लेफ्ट विंग के चरमपंथी तत्वों ने किसानों के आंदोलन को हाईजैक कर लिया है. दरअसल, किसान आंदोलन के बीच गुरुवार को मानवाधिकार दिवस के मौके पर टिकरी बॉर्डर पर प्रदर्शन किया गया.
इस दौरान किसानों के मंच पर एक पोस्टर लगाया गया, जिसमें उमर खालिद, शरजील इमाम, गौतम नवलखा, सुधा भारद्वाज, वरवरा राव समेत अन्य लोगों की रिहाई की मांग की गई थी. साथ ही यह भी कहा गया कि इन इन सभी को झूठे केसों में अंदर डाला गया है, ऐसे में सरकार को इन्हें तुरंत रिहा करना चाहिए. हालांकि, अन्य किसान नेताओं ने इस पोस्टर की जानकारी होने से इनकार किया.
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सरकार की अपील को खारिज कर रहे किसान
केंद्र सरकार की आंदोलन खत्म करने की अपील के बीच किसान नेताओं का कड़ा रुख कायम है. देशव्यापी प्रदर्शन के साथ, अब किसान नेताओ ने रेलवे ट्रैक ब्लॉक करने की बात कही है. 17वें दिन किसानों ने हरियाणा में कई टोल प्लाजा फ्री करवा लिए हैं. किसानों का कहना है कि वे दिल्ली-जयपुर और दिल्ली-आगरा हाईवे भी जाम करेंगे. गुरुग्राम और फरीदाबाद में नेशनल हाइवे पर भारी पुलिस बल तैनात है.
पंजाब से सैकड़ों किसान दिल्ली आ रहे हैं. इस मामले पर केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि इस बात के सबूत हैं कि टुकड़े-टुकड़े गैंग किसान आंदोलन को ओवरटेक करने में लगा है और शायद इन्हीं लोगों की वजह से बातचीत फेल हो रही है. ये लोग राष्ट्र की संप्रभुता के लिए हानिकारक हैं.
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