BSc Chaiwali: आजकल चाय बेचने वाले खूब सुर्खियां बटोर रहे हैं. पहले एमबीए चायवाला (MBA Chailwala), फिर पटना की 'ग्रेजुएट चायवाली' के बाद फरीदाबाद की 'बीटेक चायवाली' के बाद अब नोएडा की ‘बीएससी चायवाली’ (B.Sc Chaiwali) सुर्खियों में है. पार्वती ने ग्रेजुएशन के बाद कहीं 10 हजार की नौकरी के बजाए चाय की दुकान खोलने का फैसला किया था.
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BSc Chaiwali in Noida: कुछ कर गुजरने की ठान लो तो हर मंजिल आसान हो जाती है. इस बात को अपनी जिंदगी का मूलमंत्र बनाने वाली नोएडा की पार्वती इस वक्त बीएससी चायवाली (BSc Chaiwali) के नाम से जमकर सुर्खियां बटोर रही हैं. मूलरूप से बिहार के मधुबनी की रहने वाली पार्वती ने परिजनों के मना करने के बाद भी खुद को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अपना खुद का काम शुरू किया. मेहनत और ईमानदारी से किया जाने वाला कोई भी काम छोटा नहीं होता है. इसलिए उत्तर से लेकर दक्षिण भारत तक कई पढ़े लिखे ग्रेजुएट चाय बेचकर कामयाबी के नए-नए कीर्तिमान रच रहे हैं.
सेक्टर 16 मेट्रो स्टेशन के नीचे खोला स्टाल
पार्वती ने चेत राम शर्मा कॉलेज ऑफ एजुकेशन से बीएससी मैथमेटिक्स किया है. BSc करने वाली छात्रा पार्वती नोएडा के सेक्टर 45 में रहती हैं, उन्होंने नोएडा के शुरुआती एंट्री प्वाइट्स वाले मेट्रो स्टेशन को अपनी आजीविका का नया ठिकाना बना लिया. पार्वती का कहना है कि बीएससी करने के बाद उन्होंने कहीं आठ से दस हजार रुपये महीने की नौकरी करने के बजाय सेक्टर 16 मेट्रो स्टेशन के पास चाय बेचना ज्यादा बेहतर समझा और उन्हें अपने फैसले पर कोई पछतावा के बजाए गर्व है.
घरवाले हुए नाराज लेकिन परवाह नहीं: पार्वती
पार्वती का कहना है कि पापा की प्राइवेट कंपनी में ठीक-ठाक जॉब और भाई का खुद का छोटा सा कोंचिग इंस्टीट्यूट होने के बाद उसका चाय की दुकान खोलने का फैसला घरवालों को पसंद नहीं आया. पार्वती के पापा ने उसे भी जॉब करने की सलाह दी. लेकिन लेकिन भाई के सपोर्ट के बाद उसने पापा की मर्जी के खिलाफ बीएससी चायवाली नाम से अपना टी-स्टाल शुरू किया. उन्होंने बताया कि चाय का स्टॉल लगाने के कारण पापा और रिश्तेदारों ने बातचीत करना भी बंद कर दी है.
रोजाना 1000 रुपये की कमाई
पार्वती के टी स्टाल पर मसाला चाय, लेमन चाय, पान चाय और यहां तक कि चॉकलेट चाय भी मिलती है. कम कीमत में बेहतरीन स्वाद की वजह से उनकी कहानी तेजी से वायरल हुआ. सेक्टर 16 मेट्रो स्टेशन की लोकेशन के पास कई बड़े-बड़े दफ्तरों के ऑफिस हैं और उनके कैफेटिरिया तक में इस बीएससी चाय वाली के चर्चे हैं. पार्वती का कहना है कि तीन सौ रुपये की लागत में रोजाना 1000 से 1200 रुपये की आमदनी हो रही है. भविष्य में वो अपना स्टार्टअप नोएडा समेत एनसीआर की कई और लोकेशन पर खोलना चाहती हैं.
इंटरनेट से मिली प्रेरणा
पार्वती का कहना है कि अपना टी स्टाल खोलने का आइडिया उन्हें इंटरनेट पर एमबीए चायवाला और बीटेक चायवाला की सक्सेज स्टोरी को पढ़ने के बाद आया. पार्वती ने बताया कि प्रफुल्ल बिलोर से प्रेरणा लेकर उसने चाय की दुकान खोली है. प्रफुल्ल ने एमबीए करने के बावजूद चाय की दुकान की शुरुआत की और आज 'एमबीए चायवाला' के नाम से उनका नाम मशहूर है. आपको बताते चलें कि पटना (Patna), के बाद दरभंगा में एक बीटेक चायवाला की बिजनेस चल निकला है. इसके बाद फरीदाबाद (Faridabad) में ग्रीन फील्ड (Green Field) के पास बी.टेक चाय वाली (B.Tech chaiwali Shop) के नाम से एक चाय की दुकान खोली है. जिससे साफ है कि केवल कम पढ़े-लिखे लोग ही नहीं बल्कि डिग्री वाले लोग भी चाय का बिजनेस कर रहे हैं.
गौरतलब है कि दरभंगा के अनुराग रंजन ने भी अच्छी तनख्वाह छोड़कर अपने उज्जवल भविष्य के लिए चाय की दुकान खोली है. जबकि उसके पिता धर्मनारायण साहू डॉक्टर हैं. बीटेक पास सिविल इंजीनियर अनुराग रंजन का कहना है कि नौकरी से वो सिर्फ अपनी जरूरतों को पूरा कर सकते हैं, लेकिन बड़ा आदमी बनना है तो खुद का बिजनेस करना होगा. अनुराग, चंडीगढ़ की एक फर्म में जूनियर इंजीनियर (JE) थे. फिर उन्होंने स्टार्टअप शुरू किया जिससे उन्हें खूब कमाई हो रही है. इसी तरह लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी इलाके में मौजूद एक बी-टेक चायवाला की दुकान चाय के शौकीनों की पसंदीदा जगह बन चुकी है.
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