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नई दिल्ली: इस बार का बजट सत्र (Budget Session) खासा उठापठक वाला और हंगामेदार हो सकता है क्योंकि सत्र शुरू होने से पहले ही 17 विपक्षी दलों (Opposition parties) ने घोषणा कर दी है कि वे संसद के दोनों सदनों में राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) के अभिभाषण का बहिष्कार करेंगे. बजट सत्र के उद्घाटन के मौके पर शुक्रवार को राष्ट्रपति का अभिभाषण होना है. विपक्षी दलों ने यह घोषणा केंद्र द्वारा पारित किए 3 कृषि कानूनों (Farm Laws) के विरोध में की है.
विपक्षी दलों द्वारा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के खिलाफ खोले जा रहे इस मोर्चे में उप्र की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की बहुजन समाज पार्टी (BSP) हिस्सा नहीं लेगी.
इस मामले को लेकर संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी (Pralhad Joshi) ने कहा है कि विपक्ष को अपने इस निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए. उन्होंने कहा, 'मैं सभी दलों के नेताओं से अपील करता हूं कि वे राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार न करें. सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए तैयार है. इसके लिए जितने समय की जरूरत होगी, वह समय अलग से दिया जाएगा.'
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बता दें कि सितंबर में जब से यह कानून पारित किए गए हैं, तब से ही विपक्षी दल इन्हें निरस्त करने की लगातार मांग कर रहे हैं.
बजट सत्र (Budget Session) में विपक्षी पार्टियां सरकार को कोविड-19 के कारण बुरी तरह प्रभावित हुई अर्थव्यवस्था और भारत-चीन सीमा के मुद्दों पर निशाना बनाएंगी. साथ ही इन पार्टियों ने यह कहते हुए किसानों को पूर्ण समर्थन देने की बात कही है कि सरकार ने गणतंत्र दिवस पर किसानों द्वारा किए गए विरोध के दौरान बेईमानी की है. ऐसे में सत्र के दौरान हमारा प्रमुख मकसद इन कानूनों को रद्द करने का होगा.
शुक्रवार को एक सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता करने जा रहे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला (Om Birla) ने कहा, 'सत्र में तमाम मुद्दों को उठाने के लिए सांसदों को पर्याप्त मौके मिलेंगे. सत्र में प्रश्नकाल और शून्यकाल होंगे. ऐसे में बजट सत्र में रुकावट डालने से कोई फायदा नहीं है.
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इस विरोध के लिए कांग्रेस ने सभी विपक्षी पार्टियों को एक साथ लाया है. राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने सभी पार्टियों से बात की, जिसमें से बसपा प्रमुख मायावती ने साथ आने से इनकार कर दिया. हालांकि तृणमूल कांग्रेस, वाम दल, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, नेशनल कांफ्रेंस, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम, शिवसेना, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, मारुमलारची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम, केरल कांग्रेस (मणि) और ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट ने हामी भर दी. बाद में आम आदमी पार्टी ने भी कह दिया कि वह अभिभाषण का बहिष्कार करेगी.
गौरतलब है कि ऐसा पिछले कुछ दशकों में पहली बार हो रहा है जब लगभग पूरे विपक्ष ने सत्र की शुरुआत में होने वाले राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करने की बात कही है.
बता दें कि बजट सत्र (Budget Session) 29 जनवरी से 8 अप्रैल तक चलेगा, लेकिन इस बीच 15 फरवरी से 7 मार्च तक अवकाश रहेगा. वहीं 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में बजट पेश करेंगी.
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