CAA Rules: भारत का नागरिक बनना इतना भी आसान नहीं... नियम कायदों की लंबी है फेहरिस्त
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CAA Rules: भारत का नागरिक बनना इतना भी आसान नहीं... नियम कायदों की लंबी है फेहरिस्त

CAA News: आवेदक को उससे संबंधित मामलों के मुताबिक अपने वैध या समाप्त हो चुके विदेशी पासपोर्ट, आवासीय परमिट, पति या पत्नी की भारतीय राष्ट्रीयता का प्रमाण - भारतीय पासपोर्ट या जन्म प्रमाण पत्र की प्रति - या विवाह रजिस्ट्रार की तरफ से जारी विवाह प्रमाण पत्र की एक प्रति पेश करनी होगी.

CAA Rules: भारत का नागरिक बनना इतना भी आसान नहीं... नियम कायदों की लंबी है फेहरिस्त

Citizenship Amendment Act: नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) सोमवार से पूरे देश में लागू हो गया है. गृह मंत्रालय ने इसके नियमों को भी नोटिफाई कर दिया है. इन नियमों के मुताबिक CAA 2019 के तहत जो लोग भारत की नागरिकता पाना चाहते हैं,उनके लिए आवेदन करने की तारीख से पहले देश में कम से कम 12 महीने तक रहना अनिवार्य है. इसके बाद ही वे आवेदन कर पाएंगे. 

क्या है नागरिकता पाने की प्रक्रिया?

नियमों में कहा गया कि इन 12 महीनों से ठीक पहले के 8 साल के दौरान भी आवेदकों ने देश में कम से कम छह साल बिताया हो, तभी उन्हें भारत की नागरिकता हासिल करने लायक माना जाएगा. CAA 2019 के जरिए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर,2014 से पहले भारत आए गैर-मुस्लिम प्रवासियों - हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई को भारतीय नागरिकता देने का रास्ता साफ हो गया है. 

छोड़नी होगी पुरानी नागरिकता

नियमों के अनुसार, आवेदकों को यह घोषणापत्र भी देना होगा कि वे मौजूदा नागरिकता को छोड़ रहे और वे भारत को स्थायी घर बनाना चाहते हैं. इसमें कहा गया, 'आवेदकों को उप-नियम (1) के तहत किए गए हर आवेदन में इस बात की घोषणा होगी कि उसका आवेदन मंजूर होने की स्थिति में उसके देश की उसकी नागरिकता त्याग दी जाएगी और वह भविष्य में इस पर कोई दावा नहीं करेगा.'

इन उप-श्रेणियों के लिए अलग-अलग आवेदन पत्र हैं, जो हैं-भारतीय मूल का व्यक्ति, भारतीय नागरिक से विवाहित व्यक्ति, भारतीय नागरिक की नाबालिग संतान, भारतीय माता-पिता वाला व्यक्ति, ऐसा व्यक्ति जो खुद या उसके माता-पिता में से कोई एक स्वतंत्र भारत का नागरिक था, एक व्यक्ति जो भारत के प्रवासी नागरिक कार्डधारक के तौर पर रजिस्टर्ड है और एक शख्स जो देशीयकरण के जरिए नागरिकता चाहता है. 

देना होगा हलफनामा

देशीयकरण के जरिए नागरिकता हासिल करने की योग्यता में से एक यह है कि शख्स आवेदन करने से पहले एक निश्चित समयावधि से भारत में रह रहा हो या कम-से-कम 11 वर्ष का समय उसने भारत में बिताया हो. देशीयकरण से नागरिकता चाहने वालों को आवेदन में दिए गए बयानों की सत्यता की पुष्टि करने वाला एक हलफनामा जमा करना होगा, साथ ही आवेदक के चरित्र की गवाही देने वाले एक भारतीय नागरिक का हलफनामा भी जमा करना होगा. 

ऐसे आवेदक को एक घोषणा पत्र भी देना होगा कि उसे संविधान की आठवीं अनुसूची में दर्ज भाषाओं में से एक की नॉलेज है. नियम में कहा गया है कि सभी आवेदकों को निष्ठा की शपथ लेनी होगी कि वे भारत के एक नागरिक के रूप में कानून की ओर से स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची आस्था और निष्ठा रखेंगे और वे ईमानदारी से भारत के कानूनों का पालन और अपने कर्तव्यों को पूरा करेंगे.

दस्तावेज जमा करना जरूरी नहीं लेकिन...

आवेदक को उससे संबंधित मामलों के मुताबिक अपने वैध या समाप्त हो चुके विदेशी पासपोर्ट, आवासीय परमिट, पति या पत्नी की भारतीय राष्ट्रीयता का प्रमाण - भारतीय पासपोर्ट या जन्म प्रमाण पत्र की प्रति - या विवाह रजिस्ट्रार की तरफ से जारी विवाह प्रमाण पत्र की एक प्रति पेश करनी होगी. हालांकि, इन दस्तावेजों को जमा करना अनिवार्य नहीं है और लेकिन अगर मौजूद हो तो इन्हें पेश करना जरूरी है. 

रजिस्ट्रेशन या देशीयकरण के लिए आवेदन आवेदक की ओर से इलेक्ट्रॉनिक रूप में केंद्र सरकार की ओर से अधिसूचित जिला स्तरीय समिति से अधिकार प्राप्त समिति के आगे पेश किया जाएगा. 
आवेदकों जो दस्तावेज पेश करेंगे उनको नामित अधिकारी की अगुआई वाली जिला स्तरीय समिति की ओर से वेरिफाई किया जाएगा, जिसका ब्योरा बाद में स्पेसिफाइड किया जाएगा. 

लेनी होगी शपथ

नामित अधिकारी आवेदक को निष्ठा की शपथ भी दिलाएगा और उसके बाद शपथ पर दस्तखत करेगा और उसे इलेक्ट्रॉनिक रूप में सशक्त समिति को दस्तावेजों के वेरिफिकेशन के मामले में पुष्टि के साथ फॉर्वर्ड करेगा. अगर आवेदक सही मौका देने के बावजूद निष्ठा की शपथ लेने के लिए व्यक्तिगत रूप से मौजूद नहीं हो पाता है तो जिला स्तरीय समिति ऐसे आवेदन को इनकार करने पर विचार के लिए अधिकार प्राप्त समिति को फॉर्वर्ड करेगी. 

जांच की प्रक्रिया से गुजरना होगा...

कोई रजिस्टर्ड होने या देशीयकृत होने के लिए एक सही व्यक्ति है या नहीं, इसकी जांच होने के बाद अधिकार प्राप्त समिति आवेदक को भारत की नागरिकता दे सकती है. नियम में कहा गया है कि अधिकार प्राप्त समिति से मंजूरी मिलने के बाद, नए नागरिकता (संशोधन) अधिनियम- 2019 नियमों के तहत भारत के नागरिक के रूप में पंजीकृत होने वाले आवेदकों को एक डिजिटल सर्टिफिकेट मिलेगा और आवेदक के अनुरोध किए जाने के बाद एक हार्ड कॉपी उसे दी जाएगी.

सर्टिफिकेट डिजिटल रूप से साइन होगा या अधिकार प्राप्त समिति के अध्यक्ष का उस पर दस्तखत होगा. देशीयकरण की तरफ से नागरिकता हासिल करने वाले लोगों को समिति की ओर से देशीयकरण का एक डिजिटल सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा.

(PTI इनपुट के साथ)

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