Calcutta High Court ने दिया अहम फैसला: मृतक के Preserved Sperm पर पिता का नहीं, पत्नी का अधिकार
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Calcutta High Court ने दिया अहम फैसला: मृतक के Preserved Sperm पर पिता का नहीं, पत्नी का अधिकार

कलकत्ता हाई कोर्ट के न्यायाधीश सब्यसाची भट्टाचार्य ने फैसला सुनाते हुए स्पष्ट शब्दों में कहा कि मृत व्यक्ति के संरक्षित वीर्य पर पहला अधिकार उसकी पत्नी का है. क्योंकि बच्चा पैदा करने का फैसला उसी पर टिका होता है. कोर्ट ने कहा कि मृत बेटे के स्पर्म पर पिता कोई दावा नहीं कर सकता.

फाइल फोटो

कोलकाता: अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में कलकत्ता हाई कोर्ट (Calcutta High Court) ने कहा है कि किसी भी मृत व्यक्ति के स्पर्म (Sperm) पर केवल उसकी पत्नी का ही अधिकार हो सकता है. मृतक के पिता की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि मृतक के जिस स्पर्म को दिल्ली के स्पर्म बैंक में स्टोर करके रखा गया है, उस पर सिर्फ और सिर्फ मृतक की विधवा पत्नी का ही हक है. मृतक के पिता ने पिछले साल मार्च में याचिका दायर करते हुए अपने पक्ष में फैसला सुनाने की गुहार लगाई थी.  

  1. 2018 में हुई थी याचिकाकर्ता के बेटे की मौत
  2. स्पर्म बैंक के इनकार के बाद खटखटाया था कोर्ट का दरवाजा
  3. अदालत ने भी दलीलों को स्वीकारने से किया इनकार

क्या कहा था याचिका में?

जानकारी के मुताबिक, मृत व्यक्ति के पिता ने अपनी याचिका में कहा था कि उनके बेटे का स्पर्म (Sperm) दिल्ली के स्पर्म बैंक में संरक्षित किया गया है. उन्हें बेटे का स्पर्म बैंक (Sperm Bank) से निकलवाने का अधिकार दिया जाए, क्योंकि अगर ऐसा नहीं किया जाता तो अग्रीमेंट की एक तय अवधि के बाद स्पर्म बेकार हो जाएगा. अदालत (Court) ने पिता की दलीलों को सुनने के बाद अपने फैसले में कहा कि स्पर्म पर अधिकार सिर्फ पत्नी का हो सकता है.

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Father के पास मौलिक अधिकार नहीं

याचिका पर सुनवाई के दौरान कलकत्ता हाई कोर्ट (Calcutta High Court) के जस्टिस सब्यसाची भट्टाचार्या की पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता के पास इस तरह की अनुमति लेने का कोई मौलिक अधिकार नहीं है. कोर्ट ने आगे कहा कि मृतक का स्पर्म दिल्ली के स्पर्म बैंक में स्टोर किया गया था और चूंकि उसकी मौत हो गई है लिहाजा इस पर पहला अधिकार अब उसकी पत्नी का है. 

Sperm Bank ने किया था इनकार

इससे पहले, मृतक के पिता ने दिल्ली स्थित स्पर्म बैंक से भी यह मांग की थी, लेकिन निराशा हाथ लगी. 2019 में स्पर्म बैंक ने मृतक के पिता को लिखे पत्र में कहा था कि जिस शख्स का स्पर्म उसकी पत्नी के गर्भाधान के लिए हमारे यहां पर स्टोर किया गया है, उसके इस्तेमाल का फैसला भी उसकी पत्नी को ही करना होगा. इस पत्र के खिलाफ मृतक के पिता ने हाई कोर्ट में अपील की थी. याचिकाकर्ता के बेटे की 2018 में मौत हो गई थी. 

 

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