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नई दिल्ली: भारतीय वायु सेना का एमआई-17 हेलीकॉप्टर बुधवार को तमिलनाडु के नीलगिरी जिले के कुन्नूर इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इस हादसे में भारत ने अपने पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत (CDS General Bipin Rawat) और उनकी पत्नी मधुलिका रावत (Madhulika Rawat) के अलावा अन्य 11 सैनिकों को खो दिया. हेलीकॉप्टर क्रैश में सिर्फ ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह (Group Captain Varun Singh) अकेले सर्वाइवर हैं.
भारतीय वायु सेना (IAF) के आधिकारिक बयान के अनुसार, ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह (Varun Singh) 14 लोगों में से अकेले हैं, जो हेलीकॉप्टर दुर्घटना में बचे हैं. हेलीकॉप्टर के क्रैश होने के बाद उसमें आग लग गई थी और इस वजह से ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का शरीर बहुत बुरी तरह झुलस गया है. अब उनका इलाज वेलिंगटन के आर्मी हॉस्पिटल में चल रहा है.
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ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह को इस साल के स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने शौर्य चक्र से सम्मानित किया था. पिछले साल एक उड़ान के दौरान ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के तेजस फाइटर में तकनीकी खराब आ गई थी और उन्होंने अपने फाइटर प्लेन को मिड-एयर इमरजेंसी के बावजूद सुरक्षित उतारा था. इस साहसिक कार्य के लिए उन्हें शौर्य चक्र से नवाजा गया था.
ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के रुद्रपुर तहसील के कन्हौली गांव के रहने वाले हैं. इस समय वरुण सिंह इंडियन एयर फोर्स में ग्रुप कैप्टन के पद पर तैनात हैं और तमिलनाडु के वेलिंगटन में डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज (DSSC) के डायरेक्टिंग स्टाफ हैं. वरुण सिंह के पिता कर्नल केपी सिंह भी सेना से रिटायर्ड हैं. हालांकि, वर्तमान में उनका परिवार मध्य प्रदेश के भोपाल में रहता है.
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