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नई दिल्ली: तमिलनाडु के नीलगिरी जिले के कुन्नूर में हुए हेलीकॉप्टर हादसे में भारत ने अपने पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत (CDS General Bipin Rawat) और उनकी पत्नी मधुलिका रावत (Madhulika Rawat) के अलावा 11 अन्य बहादुर सैनिकों को हमेशा के लिए खो दिया. जनरल बिपिन रावत तमिलनाडु के वेलिंगटन में डिफेंस सर्विस स्टाफ कॉलेज में लेक्चर देने जा रहे थे, लेकिन इससे पहले ही कुन्नूर के पास कट्टेरी-नंचप्पनचत्रम इलाके में उनका हेलीकॉप्टर दुर्घटना का शिकार हो गया.
जनरल बिपिन रावत तमिलनाडु के वेलिंगटन में स्थित जिस डिफेंस सर्विस स्टाफ कॉलेज में लेक्चर देने जा रहे थे, वो दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित सैन्य ट्रेनिंग संस्थानों में से एक है. साल 2018 में मैं भी इस कॉलेज में गया था. इस कॉलेज में सेना के तीनों अंगों के अधिकारियों को ट्रेनिंग दी जाती है और इसमें दुनिया के 30 से ज्यादा देशों के सैन्य अधिकारी भी ट्रेनिंग के लिए आते हैं. इस संस्थान में इन सैन्य अधिकारियों को युद्ध के लिए रणनीति बनाना सिखाया जाता है.
जब मैं वहां गया था तो मैंने करीब से इस बात को समझा था कि ये संस्थान पूरी दुनिया में इतना मशहूर क्यों है. तब मैंने वेलिंगटन के डिफेंस सर्विस स्टाफ कॉलेज में जाकर क्या अनुभव किया था उसका एक छोटा सा हिस्सा आज आपको देखना चाहिए.
बहुत कम लोग जानते हैं कि साल 2015 में भी जनरल बिपिन रावत (Bipin Rawat) इसी तरह की एक दुर्घटना का शिकार हुए थे. उस समय वो नागालैंड में पोस्टेड थे और उनका हेलीकॉप्टर एक ऑपरेशन के दौरान क्रैश हो गया था. इस हेलीकॉप्टर का नाम चीता है और ये भी काफी आधुनिक माना जाता है. इस हादसे के बाद काफी लोगों को लगा था कि जनरल बिपिन रावत इसमें सुरक्षित नहीं बचेंगे, लेकिन रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद ये खबर आई थी कि वो इस हादसे में बाल बाल बचे गए हैं.
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