बैंक का आरोप है कि जगदीश खट्टर ने बैंक के अधिकारियों के साथ मिलकर बैंक के साथ धोखाधड़ी की और 110 करोड़ रुपये का लोन वापिस नहीं किया और बाद में 30 सितंबर 2015 को बैंक ने इस लोन को एनपीए (NPA) घोषित कर दिया जोकि 30 जून 2012 से लागू माना गया.
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नई दिल्ली: सीबीआई (CBI) ने मारुति के पूर्व सीएमडी जगदीश खट्टर और उसकी कंपनी कार्नेशन ऑटो इंडिया प्रा.लि. (Carnation Auto India Pvt Ltd) के खिलाफ 110 करोड़ की धोखाधडी और जालसाजी का मामला दर्ज किया है. ये मामला पंजाब नेशनल बैंक की शिकायत पर दर्ज किया गया है. आरोप है कि जगदीश खट्टर ने अपनी कंपनी कार्नेशन ऑटो इंडिया के लिये 2009 में 170 करोड़ का लोन लिया था जिसे बैंक ने बाद में सिर्फ 110 करोड़ कर दिया था.
बैंक का आरोप है कि जगदीश खट्टर ने बैंक के अधिकारियों के साथ मिलकर बैंक के साथ धोखाधड़ी की और 110 करोड़ रुपये का लोन वापिस नहीं किया और बाद में 30 सितंबर 2015 को बैंक ने इस लोन को एनपीए (NPA) घोषित कर दिया जोकि 30 जून 2012 से लागू माना गया.
CBI ने @MSArenaOfficial के पूर्व CMD जगदीश खट्टर और उसकी कंपनी Carnation Auto India Pvt Ltd के खिलाफ ₹ 110 करोड़ की धोखाधड़ी और जालसाज़ी का मामला दर्ज किया है।मामला @pnbindia की शिकायत पर दर्ज किया गया है। pic.twitter.com/Btv8fYr0sp
— Jitender Sharma (@capt_ivane) December 24, 2019
इतना ही नहीं बैंक का आरोप है कि जगदीश खट्टर ने जिस संपति के नाम पर लोन लिया था और जो बैंक के पास गिरवी थी उसे धोखे से और बिना जानकारी लाये बेच दिया और सारे पैसे कहीं और डायवर्ट कर दिया.
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बैंक ने जगदीश खट्टर को दिये लोन का फॉरेंसिंक ऑडिट केजी सोमाना एंड कंपनी (KG Somani and Company) से करवाया और पता लगा कि जगदीश खट्टर ने बैंक के पास सिक्योरिटी डिपोजिट के नाम पर रखी 6692.48 लाख की संपति को 455.89 लाख में बेच दिया और बैंक को कोई जानकारी नहीं दी. ये सारा पैसा कहीं और डायवर्ट कर दिया गया. इतना ही नहीं बैंक ने पाया कि जो लोन जगदीश खट्टर को दिया गया था वो उसने अपनी दूसरी कंपनियों को लोन देने के नाम पर डायवर्ट कर दिया जोकि गैरकानूनी है.
बैंक ने ये भी पाया कि बैंक के अधिकारी जिन पर हर महिने स्टॉक पर नज़र रखने और जांच करने की जिम्मेवारी थी, जांच नहीं की और इसलिये उन अधिकारियों की भूमिका की भीव जांच की जा रही है. क्योंकि बैंक के अधिकारियों की मिलिभगत के बिना ये सब नहीं हो सकता.
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