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नई दिल्ली: बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय (Alapan Bandyopadhyay) को रिटायरमेंट से ठीक पहले केंद्र के कार्मिक मंत्रालय ने कारण बताओ नोटिस दिया है और साथ ही केंद्र सरकार ने उन पर चार्जशीट करने की भी बात कही है. लेकिन यह मुद्दा अंजाम तक कैसे पहुंचेगा और केंद्र सरकार क्या कर सकती है? सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, जानते है कि अलपन बंद्योपाध्याय के खिलाफ कार्रवाई को लेकर केंद्र क्या कर सकता है.
आईएएस अधिकारियों पर लागू ऑल इंडिया सर्विस (Discipline and Appeal) नियम, 1969 में मामूली और सख्त सजा के लिए प्रावधान हैं, जो केंद्र द्वारा किसी अधिकारी पर लगाया जा सकता है. वर्तमान में काम कर रहे अधिकारी पर नियमों के अनुसार मामूली कार्रवाई के तहत एडवर्स एंट्री इन सर्विस बुक, प्रमोशन पर रोक, सैलरी बढ़ोतरी पर रोक और वेतनमान (Pay Scale) में कमी की जा सकती है. वहीं रिटायरमेंट के बाद अगर कार्रवाई की जाती है तो उस अधिकारी की पेंशन, ग्रेच्युटी और CGHS सुविधा रोकी जा सकती है.
कार्मिक मंत्रालय (DOPT) एक बार फिर कारण बताओ नोटिस जारी कर अलपन बंद्योपाध्याय (Alapan Bandyopadhyay) से स्पष्टीकरण मांग सकता है. जवाब पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी और मामला सुलझने के बाद ही पूरी पेंशन के लिए कार्रवाई की जाएगी. DOPT सूत्रों के मुताबिक जांच कमेटी बनाकर अलपन बंद्योपाध्याय को चार्जशीट किया जाएगा और उनकी पेंशन रोकी जा सकती है.
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सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अलपन बंद्योपाध्याय (Alapan Bandyopadhyay) ने 3 माह का सेवा विस्तार छोड़कर रिटायर होने का फैसला केंद्र की कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए किया है. सेवा विस्तार की स्थिति में हुए मुख्य सचिव के रूप में काम कर रहे होते तो उनके खिलाफ आदेश की अवमानना के आरोप में बड़ी कार्रवाई हो सकती थी और उनकी पेंशन व ग्रेजुएटी रोकी जा सकती है.
बता दें कि अलपन बंद्योपाध्याय (Alapan Bandyopadhyay) का कार्यकाल 31 मई को खत्म हो रहा था, लेकिन कोविड-19 के प्रबंधन को ध्यान में रखते हुए केंद्र ने राज्य सरकार के साथ विचार-विमर्श के बाद इन्हें 3 महीने का एक्सटेंशन दिया था.
जानकार मानते हैं कि अलापन बंधोपाध्याय के मामले से काफी हद तक मिलता-जुलता मामला सीबीआई (CBI) के पूर्व निदेशक आलोक वर्मा का भी था. 2019 में जब आलोक वर्मा (Alok Verma) को सीबीआई निदेशक पद से हटाकर फायर ब्रिगेड का महानिदेशक बनाया गया तो आलोक वर्मा ने फायर ब्रिगेड के महानिदेशक का पदभार संभालने से मना कर दिया. उनकी रिटायरमेंट का समय काफी पहले निकल चुका था और वह 2 साल के कार्यकाल के कारण सीबीआई निदेशक पद पर थे ऐसी स्थिति में नया कार्यभार नहीं संभाला. आलोक वर्मा को केंद्र ने कारण बताओ नोटिस और चार्जशीट किया था.
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