गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडार जारी लिस्ट में खामियां थीं, इसलिए इसे वापस ले लिया गया.
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नई दिल्ली: केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) की कैंटीनों में एक हजार से अधिक गैर-स्वदेशी वस्तुओं (imported products) की बिक्री रोकने से संबंधित लिस्ट को सार्वजनिक करने के कुछ घंटे बाद ही सरकार ने इसे वापस ले लिया. गृह मंत्रालय (Home ministry) के अधिकारियों ने कहा कि केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडार जारी लिस्ट में खामियां थीं, इसलिए इसे वापस ले लिया गया. नई सूची जल्द जारी की जाएगी.
सीएपीएफ कैंटीनों के बोर्ड का प्रबंधन दायित्व देखने वाले केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने कहा कि सूची 'गलती से' जारी कर दी गई थी. सीआरपीएफ महानिदेशक के नाम से जारी बयान में कहा गया, "स्पष्ट किया जाता है कि केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडार द्वारा कुछ वस्तुओं की बिक्री पर रोक के संबंध में 29 मई 2020 को जारी की गई सूची सीईओ स्तर पर गलती से जारी कर दी गई."
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के महानिदेशक कैंटीनों के नेटवर्क को देखने वाले कल्याण एवं पुनर्वास बोर्ड के अध्यक्ष हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 13 मई को घोषणा की थी कि घरेलू उद्योगों को बढ़ावा देने के प्रयास के तहत देशभर में सीएपीएफ की 1,700 से अधिक कैंटीनों में एक जून से केवल स्वदेशी उत्पादों की बिक्री ही होगी.
इसलिए इस सूची पर लगानी पड़ी रोक
इससे पहले, केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडार ने सोमवार को आदेश जारी किया कि बजाज, डाबर, वीआईपी इंडस्ट्रीज, यूरेका फोर्ब्स, जकुआर, एचयूएल (फूड्स) और नेस्ले इंडिया जैसी कंपनियों के 1,026 उत्पाद सीएपीएफ की कैंटीनों में नहीं बेचे जाएंगे क्योंकि ये 'स्वदेशी' नहीं हैं या फिर 'पूरी तरह आयातित चीजों' से बने हैं. अधिकारियों ने कहा कि आज पूर्व में जारी की गई सूची में ऐसी कई वस्तुओं के भी नाम थे जो भारत निर्मित उत्पाद हैं, इसलिए इस सूची पर रोक लगानी पड़ी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लोगों से स्थानीय उत्पाद खरीदने की अपील किए जाने के बाद सीएपीएफ की कैंटीनों में 'भारत निर्मित' उत्पाद बेचने का निर्णय किया गया था. केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षाबल (सीआईएसएफ), सीमा सुरक्षाबल (बीएसएफ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) आते हैं जिनकी कैंटीनों का सालाना तौर पर 2,800 करोड़ रुपये का अनुमानित कारोबार है. आंतरिक सुरक्षा से लेकर सीमा की सुरक्षा तक का दायित्व निभाने वाले इन बलों के लगभग 10 लाख कर्मियों के 50 लाख परिजनों के लिए इन कैंटीनों में सामान बेचा जाता है.
(इनपुट: भाषा से)
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