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Char Dham Yatra 2022: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की शुरुआत 3 मई से हो चुकी है. दो साल के बाद इस बार श्रद्धालुओं की खासा भीड़ देखने को मिल रही है. दुखद यह है कि चारधाम यात्रा को शुरू हुए अभी दो सप्ताह भी नहीं बीते, लेकिन इतने कम समय में 39 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई है.
चारधाम यात्रा से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक, और पर्वतीय बीमारियों के चलते तीर्थयात्रियों की मौत हुई है. उत्तराखंड की स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ शैलजा भट्ट ने एएनआई को बताया कि तीर्थयात्रियों की अधिकांश मौतें यात्रा मार्गों पर हुई हैं. सभी की मौत का कारण हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक और माउंटेन सिकनेस रहा है.
स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि तीर्थयात्रियों का स्वास्थ्य परीक्षण ऋषिकेश के अलावा यात्रा मार्गों पर विभिन्न स्थानों पर किया जा रहा है. पिछले हफ्ते की शुरुआत में डीजी ने बताया कि तीर्थयात्रियों की स्वास्थ्य जांच अब यात्रा मार्गों पर बनाए गए केंद्रों पर की जा रही है.
डॉ. शैलजा भट्ट ने बताया कि ऋषिकेश आईएसबीटी पर भी रजिस्ट्रेशन सेंटर पर यात्रियों की स्वास्थ्य जांच शुरू कर दी गई है. पांडुकेश्वर में डोबटा और हिना और बद्रीनाथ धाम के तीर्थयात्रियों के लिए क्रमशः यमुनोत्री और गंगोत्री के यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य जांच शिविर लगाया गया है.
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य जांच के बाद जिन यात्रियों में कोई शारीरिक बीमारी पाई जाती है, उन्हें स्वस्थ होने के बाद ही आराम करने या यात्रा पर जाने की सलाह दी जा रही है. यात्रा 3 मई को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में अक्षय तृतीया के अवसर पर भक्तों के लिए गंगोत्री और यमुनोत्री पोर्टल के उद्घाटन के साथ शुरू हुई. 6 मई को केदारनाथ के कपाट खुले, वहीं 8 मई को बद्रीनाथ के कपाट खुले.
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