तीन दिन तक पैदल चलने के बाद उसने 150 किलोमीटर की दूरी तय कर ली. लेकिन 18 अप्रैल की सुबह घर पहुंचने के 50 किलोमीटर पहले ही बीजापुर के भंडारपाल गांव के पास बच्ची की मौत हो गई.
Trending Photos
बीजापुर: देशभर में लॉकडाउन (Lockdown) के चलते मजदूरों का रोजगार छिन गया है. ऐसे में शहरों में खाने-पीने और रहने का ठिकाना न होने के चलते मजदूर पैदल ही अपने घरों की तरफ निकल गए हैं. मुंबई के बांद्रा में मजदूरों पर हुए लाठीचार्ज की घटना को अभी हम भूल भी नहीं पाए थे कि आज एक ऐसी घटना सामने आई है जिसने अंदर तक झकझोर कर रख दिया .
दरअसल, तेलंगाना से अपने घर छत्तीसगढ़ के बीजापुर लौट रही एक 12 साल की बच्ची ने गांव पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया. कड़ी धूप और चिलचिलाती गर्मी में शरीर में पानी की कमी के चलते उसकी मौत हो गई. घटना बीते शुक्रवार की है लेकिन मामला अब प्रकाश में आया है.
Chhattisgarh: A 12-yr-old girl, who was among 11 ppl who walked from Telangana to return to their native place in Bijapur,died on April 18. CMHO Bijapur says "I'm yet to see her postmortem report but it seems she died either due to exhaustion,electrolyte imbalance or dehydration" pic.twitter.com/HZgqq73SxR
— ANI (@ANI) April 21, 2020
समाचार एजेंसी एएनआई की खबर के मुताबिक, 12 साल की बच्ची जमलो मकदम तेलंगाना के कन्नईगुडा में मिर्च के खेतों में काम करती थी. 15 अप्रैल से दोबारा लॉकडाउन शुरू होने के बाद उसके साथ काम करने वाले अन्य मजदूरों ने अपने गांव लौटने का फैसला किया. 11 लोगों के समूह के साथ बच्ची पैदल ही निकल पड़ी. तीन दिन तक पैदल चलने के बाद उसने 150 किलोमीटर की दूरी तय कर ली. लेकिन 18 अप्रैल की सुबह घर पहुंचने के कुछ किलोमीटर पहले ही बीजापुर में बच्ची की मौत हो गई.
सीएमएचओ बीजापुर का कहना है कि "मैंने अभी बच्ची की पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं देखी है. उसकी मौत डीहाइड्रेशन, थकावट और इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन के कारण हुई होगी."
They'd gone to Telangana to work in chilli fields. Since there's no mode of transportation they walked from Telangana. Her body was preserved&samples were sent for testing as a precautionary measure. It came negative so further action is being taken after postmortem: CMHO Bijapur https://t.co/UR23YXW71L
— ANI (@ANI) April 21, 2020
उन्होंने कहा कि बच्ची अन्य लोगों के साथ मिर्च के खेतों में काम करने के लिए तेलंगाना गई थी. चूंकि लॉकडाउन के कारण तेलंगाना से वापस आने का कोई साधन नहीं था इसलिए वो सब पैदल ही निकल पड़े. उसके शरीर को संरक्षित किया गया है और एहतियात के तौर पर नमूने परीक्षण के लिए भेजे गए हैं. पोस्टमॉर्टम आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.