चीन ने रोकी कैलाश मानसरोवर यात्रा, भारतीय जवानों पर लगाया सीमा पार करने का आरोप
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चीन ने रोकी कैलाश मानसरोवर यात्रा, भारतीय जवानों पर लगाया सीमा पार करने का आरोप

चीन ने सिक्किम क्षेत्र में भारतीय जवानों पर सीमा पार करने का आरोप लगाया और उनसे तुरंत वापस लौटने की मांग की. साथ ही चीन ने कहा कि सीमा पर विवाद के कारण उसने कैलाश मानसरोवर जाने वाले भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए नाथू ला र्दा बंद कर दिया है.

 चीन ने रोकी कैलाश मानसरोवर यात्रा, भारतीय जवानों पर लगाया सीमा पार करने का आरोप

बीजिंग: चीन ने सिक्किम क्षेत्र में भारतीय जवानों पर सीमा पार करने का आरोप लगाया और उनसे तुरंत वापस लौटने की मांग की. साथ ही चीन ने कहा कि सीमा पर विवाद के कारण उसने कैलाश मानसरोवर जाने वाले भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए नाथू ला र्दा बंद कर दिया है.

चीन ने भारतीय जवानों के सिक्किम क्षेत्र में चीनी क्षेत्र में घुसने का आरोप लगाते हुए नयी दिल्ली और बीजिंग दोनों जगह भारत के समक्ष कूटनीतिक विरोध भी दर्ज कराया है.

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चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लु कांग ने यहां एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, हमने अपने महत्वपूर्ण रुख के बारे में बताने के लिए बीजिंग और नयी दिल्ली में गंभीर विरोध दर्ज कराया है. उन्होंने कहा, अपनी क्षेत्रीय संप्रभुता को बुलंद रखने का हमारा रूख दृढ़ है.

चीन ने कहा भारतअपने सैनिकों को तुरंत वापस बुलाए जो आगे चले गए हैं 

हम उम्मीद करते हैं कि भारत इसी दिशा में चीन के साथ काम कर सकता है तथा अपने सैनिकों को तुरंत वापस बुलाए जो आगे चले गए हैं और चीनी सीमा में घुस गए हैं. चीन ने गत रात कहा था कि उसने सीमा विवाद के मद्देनजर नाथू ला र्दा के जरिए तिब्बत में प्रवेश करने वाले भारतीय तीर्थयात्रियों की यात्रा पर सुरक्षा कारणों से रोक लगा दी है.

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा, चीन, भारत से अनुरोध करता है कि वह सीमा पार करने वाले जवानों को तुरंत वापस बुलाए और इस मामले की विस्तृत जांच कराये.

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उन्होंने कल रात जारी एक बयान में कहा, भारतीय सीमा रक्षक बलों ने चीन-भारत सीमा के सिक्किम क्षेत्र में सीमा पार की और चीन के क्षेत्र में घुस गए तथा उन्होंने हाल ही में सिक्किम में दोंगलांग क्षेत्र में चीनी सीमा बलों की सामान्य गतिविधियों को बाधित किया. चीनी पक्ष ने जवाबी कदम उठाए.

 उनका बयान चीन के रक्षा मंत्रालय के उस बयान के बाद आया है जिसमें उसने भारतीय जवानों पर सड़क निर्माण के एक काम पर आपत्ति जताने का आरोप लगाया था. चीन ने दावा किया कि सड़क निर्माण वह अपने क्षेत्र में कर रहा है.

चीन ने कैलाश मानसरोवर के दर्शन करने के लिए रवाना हुए भारतीय तीर्थयात्रियों के जत्थे को रोका 

सड़क निर्माण को लेकर विवाद ही वह वजह दिखाई दे रही है जिसके चलते चीन ने सिक्किम में नाथू ला र्दे के जरिए तिब्बत में कैलाश और मानसरोवर के दर्शन करने के लिए रवाना हुए 47 भारतीय तीर्थयात्रियों के जत्थे को रोक दिया है.

चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता रेन गुओछियांग ने कल कहा कि हाल ही में चीन ने दोंगलांग क्षेत्र में एक सड़क का निर्माण कार्य शुरू किया था लेकिन भारतीय जवानों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पार कर इसे रोक दिया. गेंग ने अपने बयान में कहा कि चीन-भारत सीमा पर सिक्किम क्षेत्र को संधियों द्वारा परिभाषित किया गया है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने लिखित में निरंतर इस बात की पुष्टि की है कि उसे इससे कोई आपत्ति नहीं है.

गेंग ने कहा कि चीन, भारत से आग्रह करता है कि वह चीन-भारत सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए सीमा संधियों और चीन की क्षेत्रीय संप्रभुता का सम्मान करें.

प्रवक्ता ने कहा कि इस घटनाक्रम के चलते चीन ने सुरक्षा कारणों से नाथू ला र्दा के जरिए चीन में भारतीय श्रद्धालुओं के प्रवेश करने की व्यवस्था पर रोक लगा दी है. चीन ने कूटनीतिक माध्यमों के जरिए अपने फैसले के बारे में भारत को सूचित कर दिया है.

नाथू ला र्दा समुद्र से 4,545 मीटर की उंचाई पर है और यह तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र, शिगात्से विभाग में यादोंग काउंटी और सिक्किम के बीच स्थित है.

गेंग ने कल यह भी कहा कि दोनों देशों के विदेश मंत्रालय इस मुद्दे को लेकर बातचीत कर रहे हैं. गेंग का यह बयान तब आया है जब भारतीय सेना और पीएलए के जवानों के बीच धक्कामुक्की के बाद दूरवर्ती सिक्किम क्षेत्र में तनाव बढ़ गया. इसमें चीनी सैनिकों ने भारतीय सीमा में घुसकर अस्थायी बंकरों को नुकसान पहुंचाया.

यह घटना जून के पहले सप्ताह की है जब सिक्किम में डोका ला जनरल इलाके में लालटेन चौकी के समीप दोनों बलों के बीच धक्कामुक्की होने के बाद चीन-भारत सीमा पर तनाव उत्पन्न हो गया.

झड़प के बाद पीएलए भारतीय क्षेत्र में घुसी और उसने सेना के दो अस्थायी बंकरों को क्षतिग्रस्त कर दिया.

वर्ष 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद इस क्षेत्र में भारतीय सेना और सीमा रक्षक बल आईटीबीपी तैनात है और उसका शिविर अंतरराष्ट्रीय सीमा से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.

 

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