गलवान में भारतीय सेना के जवानों के साथ चीनी सैनिकों की झड़प होना महज एक संयोग नहीं था बल्कि चीन ने इसकी सुनियोजित तैयारी की थी. चीन ने कई आधुनिक हथियारों को पहले से तैनात कर दिया था.
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लद्दाख: गलवान वैली में भारतीय सेना (Indian Army) के जवानों के साथ चीनी सैनिकों की झड़प होना महज एक संयोग नहीं था बल्कि चीन (China) इसकी सुनियोजित तैयारी की थी. अमेरिकी खुफिया एजेंसी और भारत की सुरक्षा एजेंसियों की अलग-अलग रिपोर्ट्स से ये साफ हो गया है कि चीन ने फिंगर-4 से लेकर गलवान और हॉट स्प्रिंग एरिया में घुसपैठ करने के लिए पहले से बड़ी तैयारी की थी. इसके अलावा चीन ने कई आधुनिक हथियारों को कुछ इलाकों में पहले से तैनात कर दिया था.
इस साल अप्रैल महीने में सैटेलाइट इमेज से ये पता चला था कि चीनी सेना खास तरीके के बने और वजन में काफी हल्के टैंको को सीमा पर तैनाती कर रही है. हालांकि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में इन टैंकों की तिब्बत में तैनाती की रिपोर्ट पिछले साल से ही आई थी लेकिन चीन की मंशा पूरी तरह उस समय समझ में आई जब उसने LAC से सटे भारतीय इलाकों में घुसपैठ करना शुरू कर दिया था.
बता दें कि T-15 (ZTPQ) टैंक का वजन 30 टन है और इसमें 105 एमएम की गन लगी हुई है. जिसकी वजह से इसे पहाड़ी इलाकों में आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है. इन टैंको के बारे में ये भी दावा किया जा रहा है कि इन्हें हेलीकॉप्टर के जरिए एक जगह से दूसरी जगह पर भी ले जाया जा सकता है हालांकि इस रिपोर्ट की पुष्टि नहीं हुई है.
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सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक T-15 टैंकों को लद्दाख में तैनात करने की रिपोर्ट को देखते हुए भारतीय सेना बेहद आधुनिक माने जाने वाले टी-90 टैंकों को LAC पर पहले से ही तैनात कर चुकी है. लेकिन सुरक्षा जानकारों के मुताबिक हल्के वजन की वजह से चीनी टैंक T-15 को एक जगह से दूसरी जगह आसानी से ले जाया जा सकता है, जबकि इसके मुकाबले टी-90 टैंकों का वजन 45 टन होता है.
चीन की तरफ से मिलने वाले किसी भी चुनौती से निपटने के लिए सरकार ने सेना को हर वक्त तैयार रहने को कहा है. इसके अलावा केंद्र सरकार T-15 टैंकों की तरह हल्के वजन वाले टैंकों की खरीद पर सहमति दे चुकी है. गौरतलब है कि T-72, T-90 और अर्जुन टैंक भारतीय सेना में पहले से ही शामिल हैं, जो मैदानी इलाकों में बेहद कारगर हैं.
हालांकि ऐसा भी नहीं है कि चीनी सेना की तरफ से T-15 टैंको की तैनाती का भारत के पास कोई जवाब नहीं है. हाल ही में सेना में शामिल हुए और अमेरिका से मंगाए गए M-777 गन को भारत अरुणाचल प्रदेश से लेकर लद्दाख तक तैनात किया जा रहा है. भारत ने 145 M-777 गन की खरीद की है जिसे सेना की अलग-अलग 7 रेजिमेंट्स में शामिल किया जा रहा है.
बता दें कि एक रेजिमेंट में 18 गन होती हैं. M-777 गन की सबसे खास बात ये है कि इसे हेलीकॉप्टर के जरिए एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा सकता है. भारतीय सेना ने अमेरिका के चिनूक (Chinook) हैवी लिफ्ट हेलीकॉप्टर को भी LAC पर तैनात किया है. ऐसे में चीनी T-15 टैंक्स को जवाब देने के पूरी तैयारी की गई है.
चीन के पास T-95 टैंक हैं जो कि भारत के T-90 से ज्यादा नहीं बल्कि बराबर या कमतर ही हैं. ऐसे में चीन अगर आक्रामक हमला करता है तो T-90 टैंक उसका बड़ा जवाब है इसीलिए सेना ने जून की शुरुआत में ही इन टैंको को लद्दाख में पहुंचा दिया था.
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