अमेरिका में एक तरफ व्हाइट हाउस जीतने का रण जारी है. वहीं दूसरी ओर मालाबार में शक्ति प्रदर्शन का दौर भी जोरों पर चल रहा है. बंगाल की खाड़ी में भारत और अमेरिका समेत चार देशों की सेनाएं एक साथ मालाबार /युद्धाभ्यास (Malabar exercise)कर रही हैं.
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चेन्नई: अमेरिका में एक तरफ व्हाइट हाउस जीतने का रण जारी है. वहीं दूसरी ओर मालाबार में शक्ति प्रदर्शन का दौर भी जोरों पर चल रहा है. बंगाल की खाड़ी में भारत और अमेरिका समेत चार देशों की सेनाएं एक साथ मालाबार युद्धाभ्यास (Malabar exercise) कर रही हैं. इसे आप भारत और अमेरिका की दोस्ती का ट्रेलर भी कह सकते हैं.
बंगाल की खाड़ी में चल रहा है युद्धाभ्यास
बता दें कि बंगाल की खाड़ी में 3 नवंबर से 4 दिनों का 24वां मालाबार युद्धाभ्यास चल रहा है. इसमें भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे चार शक्तिशाली देशों की नौसेनाएं युद्धाभ्यास करके अपने दुश्मनों को बता रही हैं कि आंख उठाने वाले को बख्शा नहीं जाएगा. इस युद्धाभ्यास की तस्वीरें स्पष्ट करती हैं कि अमेरिका का राष्ट्रपति चाहे कोई भी हो, भारत और अमेरिका की सेनाएं एक साथ रहकर किसी भी दुश्मन को समंदर की गहराइयों में धकेल देगी.
Quad देश चीन को दे रहे हैं चेतावनी
ये Quad के वे देश हैं. जो इस क्षेत्र में दबंगई दिखाने वालों को इस बात का इशारा दे रहे हैं कि विस्तारवादी नीतियां बदलना ही उनके फायदे में होगा. भारत और अमेरिका मालाबार युद्धाभ्यास के सबसे पुराने साथी हैं. इन दोनों ने साल 1992 में हिंद महासागर में सबसे पहला युद्धाभ्यास किया था. तभी से भारत और अमेरिका की सैन्य ताकत के गठजोड़ की शक्ति दुनिया ने देखी है.
चुनावी तनाव से दूर है भारत-अमेरिका की दोस्ती
भारत और अमेरिका की दोस्ती की मजबूती इस बात से भी दिखाई देती है कि एक तरफ सबसे पुराने लोकतंत्र अमेरिका में चुनाव चल रहा है. वहीं उसकी नौसेना दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की सेना के साथ युद्धाभ्यास कर रही है. यही कारण है, जिससे इन दो लोकतांत्रिक देशों की दोस्ती की मिसालें दी जा रही हैं.
दो चरणों में होना है युद्धाभ्यास
बता दें कि मालाबार युद्धाभ्यास दो चरणों में होता है. युद्धाभ्यास का पहला चरण चार दिनों का है. इसका पहला चरण चीन को डरा रहा है. जबकि दूसरा चरण अरब सागर में होगा, जिससे पाकिस्तान में दहशत भरेगी.
चारों देशों के युद्धपोतों ने दिखाई ताकत
मालाबार युद्धाभ्यास के पहले दिन भारतीय नौसेना ने रणविजय, शिवालिक, शक्ति और सुकन्या जहाज के अलावा सबमरीन सिंधुराज की ताकत समुद्र में दिखाई. वहीं अमेरिका के जॉन एस मैक्केन मिसाइल डेस्ट्रॉयर ने अपना युद्ध कौशल दिखाया. भारत और अमेरिक की नौसेनाओं ने समुद्र में एंटी सबमरीन वारफेयर ऑपरेशंस, क्रॉस डेक लैंडिंग और बहुत से संयुक्त युद्धाभ्यास किए.
Quad की शक्ति से चीन चिढ़ा
Quad देशों के पहले दिन जब चारों देशों की नौसेना बंगाल की खाड़ी में गरजी तो उनकी संगठित शक्ति देखकर चीन (China) चिढ़ गया. चीन के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने लिखा कि 'भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया ने क्वाड संगठन (QUAD) बनाया है. इसका मकसद चीन के खिलाफ सैन्य गठजोड़ है. भारत हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के खिलाफ अमेरिका से मदद लेना चाहता है, लेकिन इस तरह के गठजोड़ से भारत शतरंज का मोहरा बनकर रह जाएगा.'
भारत-अमेरिका की दोस्ती से चीन परेशान
चीन को परेशानी भारत और अमेरिका की बढ़ती दोस्ती को लेकर भी है. चीन जानता है कि अमेरिका ही वो देश है जिसने पहले भी चीन को सबक सिखाने के लिए भारत की मदद की थी. इस बार युद्धाभ्यास में शामिल हुए जापान और ऑस्ट्रेलिया ने भी चीन की परेशानी बढ़ा दी है.
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आस्ट्रेलिया पहली बार युद्धाभ्यास में शामिल
इनमें ऑस्ट्रेलिया पहली बार मालाबार युद्धाभ्यास में शामिल हुआ है. जबकि जापान साल 2015 से इस युद्धाभ्यास का हिस्सा बनता रहा है. रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि चार देशों के सैन्य गठजोड़ की शक्ति इस पूरे इलाके में बिगड़ते सामरिक असंतुलन को संतुलित बनाए रखने के लिए जरूरी है.
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