भारतीयों की जासूसी कराने में चीनी सरकार का हाथ, बड़े अधिकारी सीधे तौर पर शामिल
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भारतीयों की जासूसी कराने में चीनी सरकार का हाथ, बड़े अधिकारी सीधे तौर पर शामिल

LAC पर घुसपैठ करने से बाज न आने वाला चीन, भारत के अंदर भी निगाह रखने की पूरी कोशिश कर रहा है. खुलासा हुआ है कि चीन भारतीयों की जासूसी करा रहा है.

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चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग (फाइल फोटो)

नई दिल्‍ली: LAC पर घुसपैठ करने से बाज न आने वाला चीन, भारत के अंदर भी निगाह रखने की पूरी कोशिश कर रहा है. खुलासा हुआ है कि चीन भारतीयों की जासूसी करा रहा है. पता चला है कि वह Zee News समेत कई राजनेताओं, उद्योगपतियों की जासूसी करा रहा है.  यह काम एक चीनी आईटी कंपनी 'झेन्हुआ डाटा इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी' (Shenzhen Information Technology) कर रही है. 

  1. चीन को लेकर बड़ा खुलासा 
  2. चीनी आईटी कंपनी कर रही भारतीयों की जासूसी 
  3. चीन की सरकार का हाथ, बड़े अधिकारी जासूसी में शामिल 

सरकारी सूत्रों के अनुसार चीनी कंपनी द्वारा की जा रही जासूसी में चीन की सरकार का हाथ है. बल्कि यहां तक कहा गया है कि इसमें सरकार के बड़े अधिकारी सीधे तौर पर शामिल हैं. चीनी अधिकारी जासूसी से मिले डेटा का विश्लेषण कर रहे हैं. 

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इस चीनी कंपनी द्वारा बड़े पैमाने पर की जा रही जासूसी यह साबित करती है कि यह काम चीनी सरकार के समर्थन के बिना संभव नहीं था. क्‍योंकि इसमें न केवल उद्योगपति बल्कि भारत के राष्‍ट्रपति, केंद्रीय मंत्री, मीडिया दिग्‍गज की जासूसी भी कराई जा रही है. 

दुनिया में वर्चस्‍व जमाना चाहता है चीन
चीन, भारत के अलावा और भी कई देशों में जासूसी करा रहा है. जाहिर है दुनिया में अपना वर्चस्व बनाए रखने के लिए चीनी सरकार ने ये जासूसी करवाई है.

बता दें कि भारत सरकार ने 200 से अधिक चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाया है. साथ ही भारत में 4 जी और 5 जी नेटवर्क में बोली लगाने वाले चीनी टेलीकॉम दिग्गजों को भी बाहर का रास्‍ता दिखाया है. भारत की सरकार के ये सख्‍त कदम दर्शाते हैं कि इन फैसलों के पीछे सरकार का मकसद चीन की कुत्सित मानसिकता को न सिर्फ बेनकाब करना था बल्कि हिंदुस्तान को चीनी डिजिटल और जासूसी घुसपैठ से बचाना भी था. 

अभी तक कि जानकारी के अनुसार चीनी कंपनी ने केवल सोशल मीडिया पर उपलब्ध डेटा का उपयोग किया है और उनका विश्लेषण किया है. ऐसे में फिलहाल कोई भी दंडात्मक कार्रवाई करना संभव नहीं है. लेकिन जरूरी होने पर और भी चीनी ऐप्‍स और कंपनियों पर पाबंदी लगाने की संभावना है. 

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