CAPFvsIPS ट्रेंड पर CISF ने कसी लगाम, अब अधिकारियों को देना होगा सोशल अकाउंट का हिसाब
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CAPFvsIPS ट्रेंड पर CISF ने कसी लगाम, अब अधिकारियों को देना होगा सोशल अकाउंट का हिसाब

CISF के डायरेक्टर जनरल की तरफ से जारी दिशानिर्देश में साफ कहा गया है कि सभी अधिकारियों और जवानों को नियम कायदों में रह कर सोशल मीडिया प्लेटफार्म को इस्तेमाल करना होगा.

CAPFvsIPS ट्रेंड पर CISF ने कसी लगाम, अब अधिकारियों को देना होगा सोशल अकाउंट का हिसाब

नई दिल्ली: देश के एयरपोर्ट और अहम प्रतिष्ठानों की सुरक्षा करने वाली एजेंसी CISF के निदेशक ने अपनी फोर्स के लिए सोशल मीडिया इस्तेमाल को लेकर कुछ दिशानिर्देश जारी किए हैं. केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के डायरेक्टर जनरल की तरफ से जारी इस दिशानिर्देश में साफ कहा गया है कि CISF के सभी अधिकारियों और जवानों को नियम कायदों में रह कर सोशल मीडिया (Social Media) प्लेटफार्म को इस्तेमाल करना होगा.

क्या है नई गाइडलाइन?
1- जो भी अधिकारी/जवान सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे है, उन्हें इसकी जानकारी अपने सीनियर अधिकारियों को देनी होगी. इसमें फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और दूसरे सभी सोशल मीडिया ऐप के नाम शामिल हैं.

2- अगर कोई जवान/अफसर नई सोशल मीडिया प्रोफाइल बनाता है या नाम यूजर आईडी में बदलाव करता है, तो इसकी जानकारी भी अधिकारियों को देनी आवश्यक होगी.

3- कोई भी जवान/अधिकारी फर्जी नाम से सोशल मीडिया अकाउंट नहीं बनाएगा. अगर कोई ऐसा करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

4- कोई भी जवान/अधिकारी सोशल मीडिया का इस्तेमाल सरकार के खिलाफ बोलने या सरकारी नीतियों के खिलाफ बोलने में इस्तेमाल नहीं करेगा.

5- किसी भी हालत में सोशल मीडिया का इस्तेमाल सीनियर अधिकारियों के खिलाफ बोलने नाफरमानी करने या किसी तरह की शिकायत करने के लिए इस्तेमाल नहीं होगा. अगर किसी को कोई समस्या है तो उसके लिए फोर्स में तय किए गए नियम कायदों के तहत ही मुद्दे को उठाना होगा.

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बताते चलें कि CISF ने ये दिशानिर्देश इससे पहले भी दो बार जारी किए थे लेकिन कहीं ना कहीं इसका पालन नहीं हो रहा था. जिसके बाद दोबारा से ये दिशानिर्देश जारी सख्त के साथ जारी किए गए हैं. साथ ही गाइडलाइन का पालन नहीं करने पर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात भी कही गई है.

गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों में सोशल मीडिया पर CAPFvsIPS चल रहा है और क्रेन्द्रीय सुरक्षा बल के जवान खुलकर अपने IPS अधिकारियों के खिलाफ बोल रहे थे. हालांकि इनमें काफी अधिकारी रिटायर हो चुके लोग थे. जांच में ये सामने आया है कि कई लोगों ने फर्जी नाम से अकाउंट बना रखे हैं और सरकार की नीतियों के खिलाफ बोलने में वो इसका सहारा ले रहे थे. ये सभी लोग IPS अधिकारियों के CAPF में डेपुटेशन में भेजने के खिलाफ सोशल मीडिया पर लिख रहे थे.

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