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नई दिल्ली: देश के कई राज्य कोयले की कमी की वजह से बिजली संकट पैदा होने का दावा कर रहे हैं लेकिन केंद्र सरकार ने साफ तौर पर ऐसी किसी कमी को खारिज किया है. तो क्या देश में वाकई बिजली का संकट पैदा हुआ है या फिर विपक्षी दलों की सरकार एक तरह का भ्रम फैला रही हैं? इसे मौजूदा कोयला भंडार से समझा जा सकता है.
भारत में कोयले से बिजली बनाने वाले पावर प्लांट्स की ताजा स्थिति के जो आंकड़े सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी ने की जारी किए हैं उनके मुताबिक देश के 135 में से 115 पावर प्लांट्स कोयले की कमी झेल रहे हैं. अथॉरिटी की ओर से 10 अक्टूबर तक पावर प्लांट्स में कोयले की स्थिति पर यह रिपोर्ट जारी की गई है. इससे पता चलता है कि 115 पावर प्लांट्स में कोयले का स्टॉक सामान्य से कम है.
रिपोर्ट के मुताबिक देश के 17 पावर प्लांट्स में एक भी दिन का कोयले का स्टॉक नहीं बचा है. जबकि 26 पावर प्लांट्स में सिर्फ एक दिन का कोयला स्टॉक बचा है. इनमें 22 पावर प्लांट्स में 2 दिन, 18 प्लांट्स में 3 दिन और 13 पावर प्लांट्स में 4 दिन का कोयले बचा हुआ था.
इसी तरह देश के 11 पावर प्लांट्स में 5 दिन का कोयले का स्टॉक बचा हुआ था और 8 पावर प्लांट्स में सिर्फ 6 दिन का कोयला बचा हुआ है. इन आंकड़ों से साफ है कि देश के पावर प्लांट्स कोयले की कमी से जूझ रहे हैं और उन्हें बिजली सप्लाई के लिए जरूरी स्टॉक की तत्काल जरूरत है.
ताजा आंकड़ों के मुताबिक हरियाणा में बने 5 पावर प्लांट्स में से 4 में एक भी दिन का कोयला नहीं बचा है जबकि एक प्लांट में 3 दिन का कोयला स्टॉक है. इसी तरह उत्तर प्रदेश के 19 पावर प्लांट्स में से 3 खाली हो चुके हैं. पांच में 1 दिन का कोयला, 5 में 2 दिन का कोयला, 3 में 3 दिन का कोयला, 1 में 5 दिन का कोयला, 1 में 6 दिन और 1 में 8 दिन का कोयला बचा है.
पंजाब में बने 5 पावर प्लांट्स में से 1 पावर प्लांट खाली हो चुका है. राज्य के दो पावर प्लांट्स में 2 दिन का कोयला, 1 में 4 दिन और 1 में 7 दिन का कोयला बचा हुआ है. राजस्थान में बने 4 पावर प्लांट्स में 1 पावर प्लांट खाली है, एक पावर प्लांट में 1 दिन का कोयला, 1 में 4 दिन और 1 में 5 दिन का कोयला है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 9 अक्टूबर को प्रधानमंत्री को लिखे अपने पत्र में देश के जिन 5 कोयले से बिजली बनाने वाले पावर प्लांट्स से देश की राजधानी दिल्ली को बिजली मिलने की बात कही थी, उन 5 पावर प्लांट्स में से एक खाली है, 1 में 1 दिन का कोयला, 1 में 2 दिन का, 1 में 3 दिन का और 1 में 6 दिन का कोयला ही बचा है.
देश के कोयला भंडार पर केंद्र अपना रुख पहले ही साफ कर चुका है. सितंबर महीने में कोयले की खदान वाले क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण कोयले के उत्पादन पर असर पड़ा. बाहर से आने वाले कोयले की कीमतों में काफी इजाफा हुआ है. मॉनसून की शुरुआत में पर्याप्त मात्रा में कोयले का स्टॉक नहीं हो पाया. इन वजहों से बिजसी संकट जैसी समस्या पैदा होने का खतरा बरकरार है.
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ऊर्जा मंत्रालय भी कह चुका है कि कोयला की आपूर्ति को बढ़ाया जा रहा है. मंत्रालय के मुताबिक कोल इंडिया के पास अभी 24 दिन का कोयला स्टॉक बचा है, जहां तक राज्यों में पावर स्टेशनों की बात है तो उनके पास 17 दिन का नहीं, लेकिन 4-4 दिन का स्टॉक जरूर है और इसमें लगातार सप्लाई की जा रही है.