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Delhi Arvind Kejriwal Govt Vs LG: दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच एक बार फिर टकराव की खबरें सामने आई हैं. सूत्रों के मुताबिक, उपराज्यपाल ऑफिस में दिल्ली सरकार की अहम फाइल रुकी हुई है. दरअसल, दुनिया के सामने दिल्ली मॉडल रखने के लिए केजरीवाल को सिंगापुर में होने वाले वर्ल्ड सिटीज समिट में जाना है. इसके लिए सिंगापुर के उच्चायुक्त साइमन वांग ने दिल्ली आकर मुख्यमंत्री केजरीवाल को आमंत्रित किया था. सूत्रों के मुताबिक, सिंगापुर जाने की फाइल एलजी हाउस में पिछले तीन हफ्तों से रुकी हुई है.
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने लगाया यह आरोप
जानकारी के मुताबिक, इससे पहले ऐसा कभी नहीं होता था. पुराने LG के समय मुख्यमंत्री के बाहर जाने की फाइल 1 से 2 दिन में वापस दिल्ली सरकार को भेज दी जाती थी. कुछ दिन पहले दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भाजपा पर दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी द्वारा किए जा रहे कार्यों को रोकने के लिए निराधार शिकायतें दर्ज कराने का आरोप लगाया था. साथ ही उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना पर भाजपा का पक्ष लेने के लिए कानून का उल्लंघन करने का आरोप लगाया.
LG ने दी थी ACB जांच को मंजूरी
LG विनय सक्सेना ने कोविड-19 महामारी के दौरान सात अस्थायी अस्पतालों के निर्माण में अनियमितताओं के आरोपों की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (ACB) से जांच कराने की हाल में स्वीकृति दी थी, जिसके कुछ दिन बाद सिसोदिया ने यह टिप्पणी की. आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता ने आरोप लगाया कि भाजपा नेताओं द्वारा दी गई फर्जी शिकायतों के आधार पर एसीबी जांच का आदेश देने के लिए सक्सेना ने सभी कानूनों और नियमों को एक तरफ रख दिया है. उन्होंने कहा कि हम कट्टर ईमानदार सरकार हैं और हम किसी जांच से नहीं डरते. विभिन्न क्षेत्रों में सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों को रोकने के लिए दिल्ली भाजपा ऐसी शिकायतें दर्ज करा रही है.
मनीष सिसोदिया ने मीडिया से कहा कि यह 2021 की एक पुरानी शिकायत है और पूर्व उपराज्यपाल अनिल बैजल ने इसे खारिज कर दिया था. बहरहाल, नए उपराज्यपाल ने मामले की जांच की मंजूरी दे दी है. सिसोदिया ने पूछा कि किसके दबाव में नए उपराज्यपाल ने एक साल पुरानी शिकायत के आधार पर इस जांच को मंजूरी दी है, जब अनिल बैजल ने उसी शिकायत को ‘निराधार’ करार दिया था.
दिल्ली के एलजी ने 3 अधिकारियों को किया निलंबित
हाल ही में दिल्ली के एलजी ने दो एसडीएम समेत तीन अधिकारियों को निलंबित कर दिया था. सभी अधिकारियों पर आरोप है कि अलग-अलग समय में अलीपुर के एसडीएम के पद पर रहते हुए कथित तौर पर खाली सरकारी जमीन का स्वामित्व निजी संस्थाओं के नाम करने के आदेश दिए थे. सूत्रों के मुताबिक, चारों अधिकारियों ने सरकारी जमीन पर भूमिदारी का हक निजी संस्थाओं को स्थानांतरित किया था. निलंबित अधिकारियों में हर्षित जैन, प्रकाश चंद ठाकुर और देवेंद्र शर्मा के नाम शामिल थे.
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