500 रुपए के दो तरह के नोटों के मुद्दे पर कांग्रेस ने नहीं चलने दी राज्यसभा
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500 रुपए के दो तरह के नोटों के मुद्दे पर कांग्रेस ने नहीं चलने दी राज्यसभा

कुरियन ने हंगामा कर रहे सदस्यों से कहा कि वे इसे व्यवस्था के प्रश्न के तहत नहीं उठा सकते और अगर वे चर्चा चाहते हैं तो उन्हें उचित नोटिस देना चाहिए.

संसद के मॉनसून सत्र के दौरान राज्यसभा की कार्यवाही में बोलते कांग्रेस सांसद गुलाम नबीं आजाद. (PHOTO : PTI/8 August, 2017)

नई दिल्ली: दो तरह के नोटों की छपाई का आरोप लगा रहे कांग्रेस सदस्यों ने मंगलवार (8 अगस्त) को राज्यसभा की कार्यवाही नहीं चलने दी. सदन में कांग्रेस सदस्यों के हंगामे के कारण उपसभापति पी जे कुरियन को भोजनावकाश के बाद सदन की कार्यवाही दिन भर के लिये स्थगित करनी पड़ी. कांग्रेस सदस्यों ने कई बार आसन के समक्ष आकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. हंगामे के कारण सदन की बैठक बार बार बाधित हुयी. कांग्रेस सदस्य कपिल सिब्बल द्वारा दो तरह के नोट छापे जाने का मुद्दा उठाये जाने पर भोजनावकाश से पहले कार्यवाही पांच बार स्थगित की गयी. भोजनावकाश के बाद परिवहन राज्य मंत्री मनसुख लाल मंडाविया ने मोटर वाहन संशोधन कानून 2017 को प्रवर समिति के पास भेजने का प्रस्ताव पेश किया जिसे सदन ने ध्वनिमत से पारित कर दिया. बार बार के स्थगन के बाद दोपहर ढाई बजे सदन की बैठक शुरू होने पर कांग्रेस सदस्यों ने फिर दो तरह के नोटों का मुद्दा उठाया. इस बीच सपा सदस्य नरेश अग्रवाल ने इसे देश की अर्थव्यवस्था और सुरक्षा के लिहाज से अहम मुद्दा बताया तथा अपनी पार्टी के अन्य सदस्यों के साथ वॉकआउट कर गये.

इस दौरान कांग्रेस सदस्यों ने फिर से इस मुद्दे को लेकर नारेबाजी शुरू कर दी. उन्होंने कहा कि यह देश का सबसे बड़ा घोटाला है. इससे पूर्व शून्यकाल में यह मुद्दा उठने पर सदन के नेता एवं वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि विपक्ष आए दिन बिना नोटिस दिए महत्वहीन मुद्दे उठाता रहता है. जेटली ने कहा कि ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जिसके तहत कोई कागज लहरा कर व्यवस्था का प्रश्न उठाया जाए. उन्होंने कहा कि यह शून्यकाल का दुरुपयोग हो रहा है. जेटली ने कहा कि कांग्रेस ने पहले राज्यसभा चुनाव में नोटा का मुद्दा उठाया था. लेकिन बाद में पता लगा कि यह प्रावधान उनके ही शासनकाल में बनाया गया था. इससे पूर्व सिब्बल ने शून्यकाल के शुरू होने पर दो प्रकार के नोटों की छपाई का मुद्दा उठाया. उन्होंने व्यवस्था के प्रश्न के तहत यह मुद्दा उठाते हुए आरोप लगाया कि दो प्रकार के नए नोट छापे जा रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि एक प्रकार का नोट सत्तारूढ दल के लिए है वहीं दूसरा अन्य लोगों के लिए है.

सिब्बल ने कहा कि हमें आज पता लगा कि सरकार ने क्यों नोटबंदी की थी. विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि यह देश का सबसे बड़ा घोटाला है. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के प्रतिवाद के बीच उन्होंने कहा कि दो प्रकार के नोट छापे जा रहे हैं और इस सरकार को पांच मिनट भी सत्ता में बने रहने का हक नहीं है. उपसभापति पी जे कुरियन ने कहा कि अगर दो प्रकार के भी नोट हैं तो भी इस मुद्दे को व्यवस्था के प्रश्न के तहत नहीं उठाया जा सकता. कांग्रेस सदस्यों को तृणमूल तथा जदयू के शरद यादव का समर्थन मिला. कई सदस्यों ने सदन में 500 रूपए के नए नोट भी दिखाए. तृणमूल के डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि यह एक गंभीर मुद्दा है वहीं शरद यादव ने कहा कि सरकार को जवाब देना होगा कि दो प्रकार के नोट कैसे छपे. कुरियन ने कहा कि वह कोई विशेषज्ञ नहीं हैं जो नोटों की जांच कर सकें. कांग्रेस के आनंद शर्मा ने कहा कि यह करेंसी की विश्वसनीयता का सवाल है.

कुरियन ने हंगामा कर रहे सदस्यों से कहा कि वे इसे व्यवस्था के प्रश्न के तहत नहीं उठा सकते और अगर वे चर्चा चाहते हैं तो उन्हें उचित नोटिस देना चाहिए. सदन में हंगामा जारी रहने के कारण कुरियन ने बैठक करीब 11 बजकर 30 मिनट पर 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी. एक बार के स्थगन के बाद बैठक फिर शुरू होने पर भी सदन में इस मुद्दे को लेकर हंगामा जारी रहा. सरकार की ओर से संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी और कानून मंत्री प्रसाद ने कहा कि सरकार इस पर चर्चा के लिए तैयार है. कुरियन ने सदस्यों से शांत होने और सदन में शून्यकाल चलने देने की अपील की लेकिन हंगामा कर रहे सदस्यों पर अपील का कोई असर नहीं हुआ और उपसभापति ने 11 बजकर करीब 50 मिनट पर बैठक 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.

प्रश्नकाल में भी विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा और सभापति हामिद अंसारी ने बैठक 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी. बैठक फिर शुरू होने पर भी हंगामा जारी रहने पर उन्होंने बैठक दोपहर एक बजे तक के लिए स्थगित कर दी. दोपहर एक बजे बैठक शुरू होने पर केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने 25 जुलाई 2017 को राज्यसभा में दिए गए एक अतारांकित प्रश्न के दिए गए उत्तर के संशोधनार्थ एक विवरण सदन के पटल पर रखा. इसके बाद बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी. दोपहर दो बजे भी हंगामा जारी रहा और कार्यवाही बार बार बाधित हुई. अंतत: करीब ढाई बजे बैठक दिनभर के लिए स्थगित कर दी गयी.

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