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नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी (Manish Tiwari) ने भारत-म्यांमार सीमा (Indo-Myanmar Border) को सील करने के मुद्दे पर लोक सभा (Lok Sabha) में स्थगन नोटिस दिया है. तिवारी ने अपने नोटिस में कहा, 'भारत ने फरवरी में तख्तापलट के बाद चल रही सैन्य तनातनी के बीच म्यांमार के साथ सभी एंट्री पॉइंट्स को सील कर दिया है.'
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी (Congress MP Manish Tiwari) ने कहा है, सरकार म्यांमार के नागरिकों को देश में प्रवेश करने से रोक रही है. मिजोरम की सीमा से लगा म्यांमार इलाका चिन समुदाय के लोगों से बसा हुआ है, जो जातीय रूप से हमारे भाई हैं और भारत उनसे आंखें नहीं फेर सकता.' कांग्रेस सांसद ने कहा कि भारत नागरिक और राजनीतिक अधिकारों के अंतरराष्ट्रीय करार (ICCPR) का हस्ताक्षरकर्ता है और शरणार्थियों को वापस म्यांमार भेजकर आईसीसीपीआर और संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन का उल्लंघन किया गया है.
मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से उन शरणार्थियों को शरण, भोजन और आश्रय प्रदान करने का आग्रह किया है जो पिछले महीने म्यांमार में सैन्य कब्जे के बाद राज्य में आ गए हैं. जोरमथांगा, जो मिजो नेशनल फ्रंट के नेता हैं, ने मोदी को एक पत्र लिख कर हस्तक्षेप करने की मांग की ताकि म्यांमार के शरणार्थियों को भारत में शरण, भोजन और आश्रय दिया जाए. मिजो नेशनल फ्रंट और कांग्रेस 1972 से राज्य में सत्ता में हैं.
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'मानवीय संकट को नजरअंदाज नहीं कर सकते'
म्यांमार की सीमा से लगे चार पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्य सचिवों और असम राइफल्स और सीमा सुरक्षा बल को भारत में म्यांमार से आने वाले अवैध शरणार्थियों को रोकने के लिए कार्रवाई करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय की सलाह का हवाला देते हुए जोरोथांगा ने कहा, 'यह मिजोरम को स्वीकार्य नहीं है.' मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में कहा, 'मैं समझता हूं कि कुछ विदेश नीति के मुद्दे हैं जहां भारत को सावधानी से आगे बढ़ने की जरूरत है. हालांकि, हम इस मानवीय संकट को नजरअंदाज नहीं कर सकते.'
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