Ladakh: भारत-चीन के बीच 20 फरवरी को कोर कमांडर स्तर की वार्ता, डेपसांग पर होगी चर्चा
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Ladakh: भारत-चीन के बीच 20 फरवरी को कोर कमांडर स्तर की वार्ता, डेपसांग पर होगी चर्चा

चीन ने गलवान में हुए संघर्ष (Galvan Valley Conflict) के करीब 8 महीने बाद अपने मरने वाले सैनिकों की संख्या उजागर की है. चीन का दावा है कि इस हिंसक संघर्ष में उसके केवल 5 सैनिक मारे गए थे.

चीन से निपटने के लिए लद्दाख में तैनात भारतीय सैनिक (फाइल फोटो)

लेह: पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) के पैंगोंग इलाके में भारत-चीन के बीच चल रहे डिसएंगेजमेंट (India-China Disengagement) के बीच दोनों देशों की कोर कमांडर स्तर की वार्ता 20 फरवरी को मोल्दो (Moldo) में होगी. इस वार्ता में दोनों देशों के सैन्य अधिकारी अब तक की सेना वापसी की समीक्षा करेंगे. इसके साथ ही गोगरा, हॉट स्प्रिंग और डेपसांग इलाकों में डिसएंगेजमेंट के बारे में भी चर्चा की जाएगी. 

  1. गलवान संघर्ष में उसके केवल 5 सैनिक मरे थे- चीन
  2. चीन ने पहली बार बताई मरने वालों की संख्या
  3. शर्मिंदगी के भाव से कम संख्या बता रहा है चीन

पैंगोंग झील के दोनों किनारों पर डिसएंगेजमेंट पूरा

इसी बीच जानकारी मिली है कि पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों पर (India-China Disengagement) पूरा हो चुका है. भारतीय सेना के सूत्रों के मुताबिक दोनों स्थानों से चीन और भारत के सैनिक अपनी पुराने लोकेशनों पर चले गए हैं. भारतीय सैनिक भी अपनी परंपरागत लोकेशनों पर लौट आए हैं. दोनों देशों के बीच कल होने वाली कोर कमांडर स्तर की बातचीत में अब बाकी इलाकों में डिसएंगेजमेंट किए जाने पर बातचीत की जाएगी.

गलवान संघर्ष में उसके केवल 5 सैनिक मरे थे- चीन

इसी बीच चीन (China) ने पहली बार गलवान संघर्ष (Galvan Valley Conflict) में मारे गए अपने सैनिकों की संख्या उजागर की है. चीन का कहना है कि इस संघर्ष में उसके केवल 5 सैन्यकर्मी मारे गए थे. चीनी सेना के मुखपत्र PLA Daily ने शुक्रवार को कबूल किया कि भारत ( India) के साथ झड़प में कराकोरम पर्वतों में तैनात उसके 5 सैन्यकर्मियों की शहादत हुई. उनकी शहादत को सेंट्रल मिलिट्री कमिशन ने मान्यता दी है. 

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चीन ने पहली बार बताई मरने वालों की संख्या

अखबार के मुताबिक मरने वालों में चीन के Xinjiang प्रांत के रेजिमेंटल कमांडर Qi Fabao भी शामिल हैं. Chen Hongjun, Chen Xiangrong, Xiao Siyuan और  Wang Zhuoran के नाम भी संघर्ष में मरने वालों में शामिल हैं. ये सभी सैनिक हैं. यह पहली बार है, जब चीन (China) ने गलवान संघर्ष में मारे गए अपने सैनिकों की संख्या बताई है. 

शर्मिंदगी के भाव से कम संख्या बता रहा है चीन

चीनी अखबार का दावा है कि घटना उस समय हुई, जब भारतीय सेना ने अवैध रूप से LAC पार करने की कोशिश की. इस घटना में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हुए थे. सैन्य सूत्रों का कहना है कि इस घटना में चीन के 45 से ज्यादा सैनिक मारे गए थे. लेकिन शर्मिंदगी के भाव से बचने के लिए वह इस संख्या को घटाकर 5 बता रहा है. जिससे अपने देश की जनता को संतुष्ट किया जा सके.

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जो बिडेन प्रशासन से चिंतित है चीन

रक्षा एक्सपर्ट पीके सहगल कहते हैं कि चीन (China) ने डिसएंगेजमेंट के साथ ये भी कबूला कि इस घटना में उसके भी 5 सैनिक मारे गए थे. उसकी यह संख्या गलत है लेकिन कबूलनामे के जरिए वह फिर से भारत से दोस्ती का हाथ बढ़ाना चाहता है. उन्होंने कहा कि दोनों देशो की सेना में जबरदस्त अविश्वास है. अमेरिका में जो बिडेन के राष्ट्रपति बन जाने से भी चीन चिंतित है क्योकि जो बिडेन कई मामलों में ट्रंप से ज्यादा सख्त हैं.  

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गलवान संघर्ष में चीन के 45 सैनिक मरे- रूसी एजेंसी

पिछले दिनों रूस के न्यूज एजेंसी TASS ने रिपोर्ट प्रकाशित की थी. जिसमें उसने बताया था कि गलवान संघर्ष (Galvan Valley Conflict)में चीन के 45 सैनिक मारे गए थे. चीन के National Strategy Institute के निदेशक Qian Feng ने कहा कि गलवान संघर्ष में गलत सूचनाओं को रोकने के लिए चीन ने अपने मरने वाले सैनिकों की संख्या बताई है. उन्होंने दावा किया किया कि भारतीय पक्ष चीनी सैनिकों की संख्या को बढ़ा-चढ़ाकर बता रहा था, जबकि असल में केवल 5 सैनिक मरे थे.

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