कोरोना संक्रमित पाये जाने के बाद प्रेम नाथ मिश्रा को 25 मई को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और 28 मई को उनकी मौत हो गई थी. शव को कोविड -19 प्रोटोकॉल के अनुसार परिवार के सदस्यों को सौंप दिया गया था.
Trending Photos
गोरखपुर: सोशल मीडिया पर रविवार शाम को वायरल हुए एक वीडियो में तीन लोगों को जेसीबी की मदद से प्लास्टिक की चादर में लिपटे शव को जमीन में दफनाते देखा गया. बाद में पता चला कि वायरल वीडियो क्लिप संत कबीर नगर जिले के परसा शुक्ल गांव की है जहां तीन बेटों ने कोरोना वायरस संक्रमण से जान गंवाने वाले पिता के शव का दाह संस्कार करने के बजाय उसे जेसीबी मशीन की मदद से दफना दिया. वीडियो में यह भी दिखाई दे रहा है कि दस्ताने पहने पुरुष शव के साथ कुछ पैकेट, चादर आदि गड्ढे में गाड़ रहे हैं.
परसा शुक्ल के ग्राम प्रधान त्रियोगानंद गौतम ने कहा, ' गांव के एक 60 वर्षीय कोरोना संक्रमित व्यक्ति की एक सप्ताह पहले मृत्यु हो गई. हमने रीति-रिवाज और परंपरा के साथ शव का अंतिम संस्कार करने में मदद की पेशकश की लेकिन तीनों बेटों ने इनकार कर दिया और उन्होंने जेसीबी मशीन की मदद से शव को दफना दिया. इतना ही नहीं, अंतिम संस्कार के दौरान किसी भी परंपरा का पालन नहीं किया गया.' प्रधान के पूछने पर उनके बेटों ने कहा कि दूसरों को कोविड संक्रमण से बचाने के लिए उन्होंने शव को जेसीबी मशीन की मदद से दफना दिया.
बलरामपुर में राप्ती नदी के पुल से पीपीई किट पहने एक व्यक्ति द्वारा कोरोना संक्रमित के शव को नदी में फेंके जाने की घटना के बमुश्किल एक दिन बाद संतकबीरनगर का यह मामला सामने आया. बलरामपुर की घटना सामने आने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया था.
बलरामपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी विजय बहादुर सिंह ने रविवार को कहा था कि शव की पहचान सिद्धार्थनगर जिले के शोहरतगढ़ निवासी प्रेम नाथ मिश्रा के रूप में हुई है. कोरोना संक्रमित पाये जाने के बाद प्रेम नाथ मिश्रा को 25 मई को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और 28 मई को उनकी मौत हो गई थी. शव को कोविड -19 प्रोटोकॉल के अनुसार परिवार के सदस्यों को सौंप दिया गया था. इससे पहले राज्य में गंगा और यमुना नदियों में कई शव तैरते देखे गए थे जिनको लेकर आशंका जताई गई कि सभी कोरोना संक्रमितों के शव नदियों में फेंके गये थे.