कोरोना (Coronavirus) के लिए CT Scan कराना भारी पड़ सकता है. एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है.
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नई दिल्ली: कोरोना (Corona) के खौफ के बीच राहत भरी खबर है. संक्रमण की रफ्तार पर ब्रेक लगती दिख रही है. शनिवार-रविवार को मिले 4 लाख नए संक्रमितों की अपेक्षा बीते 24 घंटे में 32 हजार मरीजों की कमी आई है. बीते 24 घंटे में 3.68 लाख नए संक्रमित मिले हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने ये अच्छे संकेत बताए हैं लेकिन यह शुरुआत बताते हुए अभी सावधानी पूरी बरतने की सलाह भी दी है. साथ ही एक्सपर्ट्स ने CT Scan के बढ़ते चलन पर भी सतर्क किया है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा है, अब तक 87.77% लोग ठीक हो चुके हैं. 1.1% प्रतिशत लोगों की मौत हुई है. पिछले दो तीन महीनों का आंकड़ा 1 प्रतिशत से भी कम है. उन्होंने कहा, पिछले कुछ दिनों में अच्छे संकेत मिल रहे हैं. कुछ केसेज में कमी आ रही है. 4 लाख की तुलना में आज 3.68 लाख केस आए हैं. कुछ राज्यों में रोजाना केसों में गिरावट हुई है. उन्होंने कहा, छत्तीसगढ़, दिल्ली, एमपी, महाराष्ट्र, झारखण्ड, पंजाब, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भी हालात सुधर रहे हैं. हालांकि अभी बहुत शुरुआती लक्षण हैं ये. अभी सतर्कता बरतनी होगी.
उन्होंने कहा कि NEET और PG का एग्जाम कम से कम चार महीने के लिए पोस्टपोन किया जाएगा, उसके बाद भी एक महीने का समय तैयारी के लिए दिया जाएगा. साथ ही बताया कि जो 100 दिन Covid ड्यूटी करेगा उन्हें प्रधानमंत्री कोविड सम्मान दिया जाएगा. स्वास्थ्य मंत्रालय ने जहां 10 प्रातिशत से ज्यादा पॉजिटिविटी है या फिर 60 प्रतिशत से ज्यादा आईसीयू भर चुके हैं ऐसे जिलों की पहचान करने के लिए कहा है.
संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि सरकार ऑक्सीजन प्लांट (Oxygen Plant) के पास ही Covid सेंटर बनाने का प्रयास कर रही है, जहां ऑक्सीजन वाले बेड होंगे. इस समय देश में 9000 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन है. देश में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है. सभी राज्यों को आवश्यकता के हिसाब से ऑक्सीजन का आवंटन किया जाता है और रोजाना समीक्षा कर उसमें परिवर्तन किया जाता है. पूर्वी भारत में ऑक्सीजन का उत्पादन सबसे ज्यादा है लेकिन मांग उत्तर और मध्य भारत में है इसलिए वहां से यहां लाने में समय लगता है. इस समय को कम करने के लिए खाली सिलेंडर को एयरलिफ्ट करने का और भरे हुए सिलेंडर को रेलवे से लाने का निर्णय लिया है.
एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि इस समय बहुत लोग CT Scan करा रहे हैं लेकिन शुरू में इसे कराने से कोई फायदा नहीं है. असिम्प्टोमैटिक लोग भी सीटी करा रहे हैं. जबकि सीटी कराने से कैंसर का भी खतरा है. माइल्ड इलनेस में सीटी कराने का कोई फायदा नहीं है. इससे बस पैनिक बढ़ेगा. उन्होंने कहा, अर्ली स्टेजेस में स्टेरॉयड लेने से वायरल और बढ़ेगा. माइल्ड केस भी सीवियर हो जाएंगे. आप शुरुआत में स्टेरॉयड मत लीजिये और अनावश्यक CT Scan न कराएं.
CT-SCan and biomarkers are being misused. There is no advantage in doing CT-Scan if you have mild symptoms. One CT-Scan is equivalent to 300 chest x-rays, it's very harmful: AIIMS Director Dr. Randeep Guleria pic.twitter.com/fBX19cwRcD
— ANI (@ANI) May 3, 2021
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