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देश में बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीनेशन शुरू होने की तारीख अब भी पता नहीं है. वहीं कोरोना के ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron) की रफ्तार लगातार बढ़ती जा रही है. इससे पैरंट्स की नींद उड़ी हुई है.
पैरंट्स के परेशान होने का कारण ये है कि उन्हें तो कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी है लेकिन बच्चे अब भी इस सुरक्षा कवच से महरूम हैं. ऐसे में अगर ओमिक्रॉन वेरिएंट का कहर फैला तो बच्चों के लिए खतरा बहुत बढ़ जाएगा.
बच्चों को इस महामारी (Coronavirus) से बचाने के लिए गुजरात के पैरंट्स अब नायाब तरीका अपना रहे हैं. वे घूमने के बहाने बच्चों को विदेश लेकर जा रहे हैं और वहां पर उन्हें वैक्सीन की डोज (Corona Vaccine for Children) लगवाकर ला रहे हैं. इसमें उनके पैसे तो काफी खर्च हो रहे हैं लेकिन बच्चों की सुरक्षा के आगे उन्हें यह खर्च कुछ भी खास नहीं लग रहा.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक हाल ही में राजदीप ब्रहमभट्ट और उनकी पत्नी सिद्धि अपने दोनों जुड़वा बच्चों को कोरोना वैक्सीन लगवाकर अमेरिका से लौटे हैं. राजदीप बताते हैं कि कोरोना की दूसरी लहर में वे अपने घर के एक मेंबर को खो चुके हैं. इसलिए वे अब इस बीमारी के प्रति किसी भी तरह का समझौता नहीं करना चाहते.
उन्होंने बताया कि बच्चों के स्कूल खुल चुके हैं और वहां रेग्युलर पढ़ाई हो रही है. लेकिन बच्चों का वैक्सीनेशन न होने की वजह से उन्हें उनकी सुरक्षा की चिंता सता रही थी. इसलिए घर में विचार-विमर्श के बाद अमेरिका ट्रिप का प्लान किया गया. वे करीब 19 दिनों तक अमेरिका में रहे और वहीं पर दोनों बच्चों को कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine for Children) लगवाकर लौटे. उन्होंने खुद भी कोरोना की बूस्टर डोज लगवा ली. इस ट्रिप में लाखों रुपये खर्च हो गए लेकिन परिवार की सुरक्षा के आगे यह रकम कुछ भी नहीं है.
इसी तरह सूरत में रहने वाले हीरा व्यापारी अभिषेक पटेल अपनी पत्नी और 6 साल के बेटे को लेकर इजराइल की राजधानी तेल अवीव पहुंचे और वहां पर बेटे को वैक्सीन (Corona Vaccine for Children) लगवाई. इस काम में परिवार के करीब ढाई लाख रुपये खर्च हो गए. कुछ समय बाद वे दोबारा से बेटे को लेकर तेल अवीव पहुंचे और वहां पर उसे वैक्सीन की दूसरी डोज लगवाई. अब उन्हें निश्चिंतता है कि कम से कम बेटे को दोनों डोज तो लग गई हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका, इजराइल के अलावा गुजरात के धनी पैरंट्स अपने बच्चों को कोरोना वैक्सीन लगवाने के लिए दुबई, ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस का भी रूख कर रहे हैं. अहमदाबाद की हॉस्पिटल्स एंड नर्सिंग होम्स असोसिएशन के अध्यक्ष डॉ भारत गांध्वी कहते हैं कि कोरोना (Coronavirus) की पहली लहर में लोगों ने इस बीमारी को कैजुअली लिया लेकिन जब दूसरी लहर में कोहराम मचाया तो लोग बुरी तरह डर गए.
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उन्होंने कहा कि यही वो कारण है कि लोग अब अपने बच्चों और परिवार को वैक्सीनेट (Corona Vaccine for Children) करवाकर इस महामारी से पूरी तरह सुरक्षित कर लेना चाहते हैं. इसके लिए उन्हें कोई भी खर्च कम लग रहा है और वे हर उस तरीके का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे बच्चों का वैक्सीनेशन हो सके.
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