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मुंबई: महाराष्ट्र के जालना जिले के एक गांव में 72 साल के युवक को अलग-अलग वैक्सीन लगाने का मामला सामने आया है. जालना के रहने वाले दत्तात्रेय वाघमारे को 22 मार्च को भारत बायोटेक की कोवैक्सीन लगाई गई थी. इसके बाद 30 मार्च को उन्हें वैक्सीन की दूसरी डोज दी गई और गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कोविशील्ड लगा दी गई. जिसका खुलासा अब उनके बेटे ने किया है.
दत्तात्रेय वाघमारे के बेटे दिगंबर ने बताया, 'दूसरी वैक्सीन लगाने के बाद मेरे पिता को मामूली दिक्कत हुई थी और उन्हें हल्का बुखार, शरीर के कुछ हिस्सों में चकत्ते और बेचैनी की समस्या हुई थी. इसके बाद उन्हें राज्य स्वास्थ्य केंद्र में ले गए, जहां उन्हें कुछ दवा दी गई.' उन्होंने आगे बताया, 'मुझे कुछ दिन पहले ही अलग-अलग टीकों के बारे में पता चला जब मैंने उनके दो टीकाकरण प्रमाणपत्र देखे. मेरे पिता अनपढ़ हैं और मैं भी ज्यादा पढ़ा-लिखा नहीं हूं. स्वास्थ्य अधिकारियों को ध्यान देना चाहिए था कि मेरे पिता को वही टीका खुराक मिले.'
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कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) की कमी के बीच डोजेज को मिक्स करने के बारे में सोचा गया, लेकिन शोध के मुताबिक कोविड-19 की दो अलग-अलग वैक्सीन डोज अगर मरीज को लगाई जाए तो उसके साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं. न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग ने मेडिकल जर्नल में एक अध्ययन के हवाले से बताया कि दो वैक्सीन को मिक्स करके लगाने से थकान और सिरदर्द जैसी दिक्कतें देखने को मिलती हैं. हालांकि बहुत कम अवधि के लिए ये साइड इफेक्ट देखने को मिलते हैं और ज्यादातर लक्षण हल्के ही होते हैं.
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी (Oxford University) के शोधकर्ताओं ने भी एक स्टडी में पाया है कि दो अलग-अलग टीके लगाने से थोड़े समय के लिए दुष्प्रभाव हो सकते हैं. द लांसेट मेडिकल जर्नल की एक रिपोर्ट के अनुसार, लोगों को पहले एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन लगाई गई थी और दूसरी बार फाइजर का टीका लगाया गया. दूसरी डोज लेने के बाद लोगों में साइड इफेक्ट देखने को मिले, लेकिन इनमें से ज्यादातर हल्के थे.
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