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नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) के खिलाफ वैक्सीन को सबसे बड़ा हथियार माना जा रहा है और देश में 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को टीका लगाया जा रहा है. इस बीच हेल्थ एक्सपर्ट्स के एक समूह ने टीकाकरण अभियान को लेकर चेतावनी दी है और कहा है कि बड़े पैमाने पर, अंधाधुंध और अपूर्ण टीकाकरण कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन (Coronaviurs New Strain) के उभार की वजह बन सकता है.
हेल्थ एक्सपर्ट्स (Health Experts) के समूह ने सुझाव दिया है कि जो लोग कोरोना वायरस (Coronavirus) की चपेट में आने के बाद ठीक हो चुके हैं, उन्हें टीकाकरण की कोई आवश्यकता नहीं है. इस ग्रुप में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के डॉक्टर कोविड-19 संबंधी राष्ट्रीय कार्यबल के सदस्य भी शामिल हैं.
समूह की रिपोर्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को सौंपी गई है और बताया गया है कि सभी आयु वर्ग के लिए टीकाकरण एक साथ करने की वजह से संसाधन खत्म हो जाएंगे. रिपोर्ट में कहा है, 'देश में महामारी की मौजूदा स्थिति मांग करती है कि इस चरण में सभी आयु समूहों के लिए टीकाकरण को खोलने की जगह हमें महामारी संबंधी आंकड़ों से खुद को निर्देशित करना चाहिए.'
इंडियन पब्लिक हेल्थ एसोसिएशन, इंडियन एसोसिएशन ऑफ एपिडमोलॉजिस्ट्स और इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रीवेंटिव एंड सोशल मेडिसिन के विशेषज्ञों ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, 'बड़े पैमाने पर लोगों के टीकाकरण की जगह केवल उन लोगों का टीकाकरण किया जाना चाहिए, जो संवेदनशील और जोखिम श्रेणी में शामिल हैं.'
रिपोर्ट में यह रेखांकित किया गया है कि कम उम्र के वयस्कों और बच्चों का टीकाकरण साक्ष्य समर्थित नहीं है और यह किफायती नहीं होगा. रिपोर्ट में कहा गया है, 'कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन एक मजबूत और शक्तिशाली हथियार है. सभी मजबूत हथियारों की तरह इसे न तो रोका जाना चाहिए और न ही अंधाधुंध इस्तेमाल किया जाना चाहिए, बल्कि प्रभावी तरीके से अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए रणनीतिक रूप से टीकाकरण किया जाना चाहिए.
रिपोर्ट में कहा गया है कि अनियोजित टीकाकरण (Unplanned Vaccination) से कोरोना वायरस के उत्परिवर्तित स्वरूपों यानी नए स्ट्रेन को बढ़ावा मिल सकता है. पैमाने पर, अंधाधुंध और अधूरा टीकाकरण भी नए स्ट्रेन को ट्रिगर कर सकता है.
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