कोरोना के खिलाफ जंग: सरकार ने की 14 हजार करोड़ रुपये पैकेज की घोषणा
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कोरोना के खिलाफ जंग: सरकार ने की 14 हजार करोड़ रुपये पैकेज की घोषणा

कोरोना वायरस के प्रकोप से भारत में थोक दवाओं और एपीआई के आयात पर पूरी तरह रोक लग गई है. इससे यह डर पैदा हो गया है कि अगर महामारी की समयसीमा और भी लंबी खिंच गई तो देश में दवाओं की कमी हो सकती है.

कोरोना के खिलाफ जंग: सरकार ने की 14 हजार करोड़ रुपये पैकेज की घोषणा

नई दिल्ली. देश में बड़े स्तर पर ड्रग या दवाओं के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने शनिवार को 14,000 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की है. इससे देश में सक्रिय फार्मास्युटिकल घटक (एपीआई) के उत्पादन को प्रोत्साहन मिलेगा. इस फैसले से हमारी चीन से आयात निर्भरता भी कम हो सकेगी.

कोरोना वायरस (Coronavirus) के प्रकोप से भारत में थोक दवाओं और एपीआई के आयात पर पूरी तरह रोक लग गई है. इससे यह डर पैदा हो गया है कि अगर महामारी की समयसीमा और भी लंबी खिंच गई तो देश में दवाओं की कमी हो सकती है.

कैबिनेट द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार, बल्क ड्रग्स और एपीआई के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए चार योजनाओं की शुरुआत की जाएगी. पहली योजना के तहत सरकार ने 1,000 करोड़ रुपये का बजट प्रदान किया है, जो राज्यों में थोक दवाओं को उपलब्ध कराने में मदद करेगा। राज्य सरकारें ऐसे पार्को के लिए 1000 एकड़ जमीन उपलब्ध कराएंगी.

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इसके साथ ही बल्क ड्रग प्रोत्साहन योजना 6,940 करोड़ रुपये के कुल बजट के साथ चलाई जाएगी. यह योजना चार वर्षो की अवधि के लिए थोक दवा इकाइयों वाले निवेशकों को उत्पादन लागत पर 20 फीसदी प्रोत्साहन प्रदान करेगी। पांचवें वर्ष में प्रोत्साहन 15 फीसदी और छठे वर्ष से पांच फीसदी हो जाएगा.

देश में मेडिकल डिवाइस पार्क को राज्यों के साथ मिलकर प्रोत्साहित किया जाएगा. इसके लिए राज्यों को हर पार्क के लिए अनुदान के रूप में अधिकतम 100 करोड़ रुपये दिए जाएंगे.

कंपनियों द्वारा चिकित्सा उपकरणों के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए 3,420 करोड़ रुपये का बजट भी निर्धारित किया गया है. घरेलू विनिर्माण के लिए सभी 53 एपीआई की पहचान की गई है.

बल्क ड्रग पार्क की इस योजना के अंतर्गत प्राप्त वित्तीय सहायता से साझा अवसंरचना सुविधाओं का निर्माण किया जाएगा. इससे देश में उत्पादन लागत में कमी आएगी और बल्क ड्रग के लिए अन्य देशों पर निर्भरता भी कम होगी.

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