लखनऊ में रोज 5 हजार से अधिक नए मरीज मिल रहे हैं और मौतों का आंकड़ा भी तेजी से बढ़ता रहा है. वहीं घर में मौजूद दिव्यांग महिला चलने फिरने में असमर्थ होने की वजह से दरवाजे तक जाकर किसी से मदद नहीं मांग सकीं.
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश में भी कोरोना वायरस (Coronavirus) का कहर जारी है. सूबे में संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित शहर लखनऊ है. जहां से एक रोंगटे खड़े कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां एलडीए कालोनी में होम आइसोलेशन में रह रहे कोरोना संक्रमित पिता-पुत्र के शव मिले हैं. साठ साल के बुजुर्ग अरविंद गोयल और उनके 25 साल के बेटे आशीष गोयल की कोरोना संक्रमण की वजह से मौत हो गई थी.
इस मामले में एक अफसोसजनक बात ये भी रही कि पड़ोसियों को ये पता करने में चार दिन लग गए कि पड़ोस में दो लोगों की मौत हो गई है. जब शव सड़ने लगे तो उसकी बदबू से उन्हें जानकारी मिली. मृतक अरविंद की दिव्यांग पत्नी रंजना भी गंभीर हालत में पुलिस को मिलीं जो चार दिनों से पति और बेटे के शव के साथ ही रह रहीं थीं. हालांकि मदद के लिए उन्होंने कई बार आवाज लगाई, लेकिन उनकी आवाज शायद घर के बाहर तक नहीं पहुंची.
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पुलिस को खबर मिली तो दरवाजा तोड़कर शवों को बाहर निकाला गया. पुलिस ने बताया कि दरवाजा तोड़ा तो देखा गया कि अरविंद और आशीष के शव अलग-अलग कमरों में पड़े थे. महिला की स्थिति भी सही नहीं थी. इसके बाद उन्होंने दिव्यांग महिला को अस्पताल में भर्ती करवाया. गौरतलब है कि लखनऊ में रोज 5 हजार से अधिक नए मरीज मिल रहे हैं और मौतों का आंकड़ा भी तेजी से बढ़ता रहा है. अरविंद की पत्नी ने कहा कि चलने फिरने में असमर्थ होने की वजह से वो दरवाजे तक जाकर किसी से मदद नहीं मांग पाई.
पड़ोसियों ने बताया कि कोरोना संक्रमण बढ़ने के कारण वो घरों से बाहर कम ही निकलते है. उन्होंने कहा कि चार दिन पहले ही अरविंद को घर से बाहर खड़े हुए देखा था. जब घर से दुर्गंध आई तो उन्होंने पुलिस को खबर दी. पड़ोसियों के मुताबिक परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी. शहर में ही रहने वाली अरविंद की मां हर महीने कुछ मदद दे जाती थी, लेकिन काफी समय से वो भी नहीं आई थीं.
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