China को करारा जवाब देने की तैयारी, Arunachal Pradesh में बड़ा बांध बनाएगा भारत
Advertisement
trendingNow1797662

China को करारा जवाब देने की तैयारी, Arunachal Pradesh में बड़ा बांध बनाएगा भारत

जल शक्ति मंत्रालय का कहना है कि चीनी डैम के नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए अरुणाचल प्रदेश में ब्रह्मपुत्र पर एक बड़े बांध (DAM) की जरूरत है. डैम बनने से भारत के पास ज्यादा पानी स्टोर करने की क्षमता होगी और वह चीन की किसी भी हरकत का जवाब दे सकेगा.

 

फाइल फोटो: ज़ी न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली: ‘थल’ के साथ-साथ ‘जल’ पर राजनीति करने में जुटे चीन को भारत उसी की भाषा में जवाब देने की तैयारी कर रहा है. चीन ने तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी पर बांध (DAM) बनाने का ऐलान किया है. इसके जवाब में मोदी सरकार ने अरुणाचल प्रदेश में एक बड़े डैम के निर्माण की योजना बनाई है. साथ ही यहां 10 गीगावाट (GW) का हाइड्रो-पावर प्रोजेक्ट भी लगाया जाएगा. भारत की इस काउंटर अटैक योजना से निश्चित तौर पर चीन की चिंता बढ़ गई होगी. 

  1. तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी पर बांध बना रहा है चीन
  2. भारत अरुणाचल प्रदेश में बांध बनाकर देगा जवाब
  3. पानी की जल संकट की समस्या होगी दूर

सरकार को भेजा प्रस्ताव
जल शक्ति मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी टीएस मेहरा (T.S. Mehra) ने कहा कि चीनी डैम के नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए अरुणाचल प्रदेश में ब्रह्मपुत्र (Brahmaputra River) पर एक बड़े बांध (DAM) की जरूरत है. हमने इस संबंध में सरकार को प्रस्ताव भेज दिया है. उन्होंने बताया कि डैम बनने से भारत के पास ज्यादा पानी स्टोर करने की क्षमता होगी और वह चीन की किसी भी हरकत का जवाब दे सकेगा.

Inside Story: मीटिंग में किसानों ने क्या मांगें रखीं और सरकार से क्‍या मिला जवाब?

कम होगा बाढ़ का खतरा
ब्रह्मपुत्र नदी तिब्बत से निकलकर भारत के अरुणाचल प्रदेश और नीचे असम से बांग्लादेश तक बहती है. ऐसे में भारत का डैम पूर्वोत्तर को पानी की कमी और अचानक बाढ़ जैसे खतरों से बचाएगा. मेहरा ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में अच्छी वर्षा के कारण मानसून के दौरान भारत में ब्रह्मपुत्र नदी का 90 प्रतिशत पानी उसकी सहायक नदियों से होकर आता है. डैम बनाने से हम पानी की कमी के साथ-साथ कई खतरों को दूर करने में सक्षम हो जाएंगे.

China पर भरोसा नहीं
 

टीएस मेहरा ने आगे कहा, ‘चीन (China) ने कहा है कि इस प्रोजेक्ट से भारत पर कोई असर नहीं पड़ेगा, लेकिन हम नहीं जानते कि उनका भरोसा कब तक किया जाए’. बता दें कि ट्रांस बॉर्डर नदी समझौते के मुताबिक, भारत और बांग्लादेश को ब्रह्मपुत्र का पानी इस्तेमाल करने का अधिकार है. भारत ने चीन के अधिकारियों से समझौते का पालन करने को कहा है. साथ ही यह भी कहा गया है कि नदी के ऊपरी हिस्से में किसी भी गतिविधि से निचले हिस्सों में बसे देशों को नुकसान न हो.

कई महीनों से जारी है Tension
 

गौरतलब है कि लद्दाख में पिछले कई महीनों से भारत-चीन सीमा के बीच तनाव बना हुआ है. गलवान घाटी झड़प के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया है. इस तनाव के बीच, अब चीन ने ब्रह्मपुत्र नदी पर डैम बनाने की चाल चली है. विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि भारतीय सीमा के पास इस डैम से चीन भारतीय राज्यों में बाढ़ के हालात पैदा कर सकता है. इतना ही नहीं, चीन इसके जरिए जल का युद्ध भी छेड़ सकता है. तिब्बत से निकलने वाली यारलुंग जांगबो नदी अरुणाचल प्रदेश में प्रवेश करती है तो सियांग नदी के नाम से जानी जाने लगती है. जब यही सियांग नदी अरुणाचल से असम पहुंचती है तो इसका नाम ब्रह्मपुत्र हो जाता है. असम से आगे बहती हुई ब्रह्मपुत्र नदी बांग्लादेश में प्रवेश कर जाती है. ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन के द्वारा बांध निर्माण के निर्णय से जुड़ी रिपोर्ट ने बताया है कि बांध निर्माण का कार्य नए साल में प्रारम्भ होने जा रहा है.  

VIDEO

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news