आम तौर पर लोग तीन तरह के मास्क का इस्तेमाल करते हैं. पहले होते हैं सर्जिकल मास्क, नीले रंग के इन मास्क 2 से लेकर 10 रुपए में बिकते हैं. एक बार इस्तेमाल के बाद लोग इसे फेंक देते हैं जिससे लोगों को लगता है कि इससे संक्रमण का खतरा नहीं होगा.
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नई दिल्लीः कोरोना वायरस से बचने के लिए मास्क सबसे ज्यादा जरूरी है. जब तक वैक्सीन नहीं आती तब तक मास्क ही हमारा सुरक्षा कवच है. लोकिन क्या आपका मास्क वाकई कोरोना से आपकी सुरक्षा कर रहा है? या सर्टिफाइड मास्क के नाम पर आपकी जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है? इस रिपोर्ट में हम आपको बताएंगे कि कैसे घर बैठे देख पता लगा सकते हैं कि आपका मास्क नकली है या असली. बाजार से मास्क खरीदते वक्त आप कैसे तय करते हैं कि कौन सा मास्क सबसे बेहतर है? ज्यादार लोगों को लगता है कि n95 मास्क या वो मास्क जो सर्टिफाइड है वही उनके लिए सबसे अच्छा है.
बाराज में सर्जिकल मास्क के नाम पर मिल रहे नकली मास्क
आम तौर पर लोग तीन तरह के मास्क का इस्तेमाल करते हैं. पहले होते हैं सर्जिकल मास्क, नीले रंग के इन मास्क 2 से लेकर 10 रुपए में बिकते हैं. एक बार इस्तेमाल के बाद लोग इसे फेंक देते हैं जिससे लोगों को लगता है कि इससे संक्रमण का खतरा नहीं होगा. लेकिन बाजर में सर्जिकल मास्क के नाम पर जमकर फर्जी मास्क बेचे जा रहे हैं जो आपको कोरोना से नहीं बचा सकते.
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इस तरह करें असली-नकली मास्क की पहचान
सबसे पहले सर्जिकल मास्क, इसको चेक करने के लिए आप कैंची से मास्क को बीच में से काटें, मास्क के अंदर अगर सफेद रंग की काजग जैसी परत दिखे तो मा्स्क असली है. इस परत को मेल्टब्लोन लेयर कहते हैं. यही वो परत है जो वायरस के कणों को अंदर जाने से रोकती है. बाजार से खरीदे गए कई मास्क में ये लेयर नहीं मिलती. अगर आप मास्क को काटना नहीं चाहते तो मोमबत्ती जलाकर फिर मास्क पहन कर पूरी ताकत के साथ फूंक मारें, अगर मोमबत्ती बुझ जाती है तो मास्क असली है. इसके अलावा मास्क को सफेद लाइट की तरफ देखने से अगर लाइट साफ दिखे तो मास्क असली है लेकिन अगर आप मास्क के दूसरी तरफ न देख सकें तो मास्क नकली है.
इन मास्कों पर भरोसा करती है जनता
इसके बाद आते हैं ऐसे मास्कों पर जिन पर जनता सबसे ज्यादा भरोसा करती है, ये हैं N95 मास्क. कोरोना हो या प्रदूषण लोगों को लगता है कि वाल्व वाले ये मास्क ज्यादा असरदार होते हैं क्योंकि देखने में ये वाल्व फिल्टर की तरह लगता है. इनके पैकेट पर भी कई तरह के सर्टीफिकेशन के होते हैं तो लोग इस पर ज्लदी भरोसा कर लेते हैं. लेकिन इसमें से भी कई सर्टीफिकेशन नकली होते हैं जो कि उस कंपनी को मिले होते हैं प्रोडक्ट को नहीं. अगर किसी मास्क का सर्टिफिकेशन सही है तो उसमें सर्टिफिकेशन नंबर भी लिखा होगा. बता दें पीले रंग का वाल्व हो तो वो असली सर्टिफिकेशन है.
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कोरोना से बचने के न पहनें ये मास्क
आपके लिए ये जानना बेहद जरूरी है कि सबसे पहले कोरोना से बचने के लिए वाल्व वाले मास्क बिलकुल न पहनें, ये प्रदूषण से तो अपको बचा सकते हैं लेकिन कोरोना से नहीं. मास्क में लगा ये वाल्व सांस लेनें में मदद करता है. इससे आप खुद तो बच सकते हैं लेकिन दूसरों को संक्रमित कर सकते हैं. मोमबत्ती वाले एक्सपेरिमेंट को N95 मास्क की भी जांच कर सकते हैं.
कपड़े वाले मास्क पहनते वक्त परख लें ये चीजें
अब बात करते हैं कपडे़ वाले मास्क के बारे में. कई लोग अब अपनी ड्रेस के साथ मैचिंग मास्क पहनना पसंद करते हैं. इसके लिए वो कपडे़ वाला मास्क खारीदते हैं. कपडे़ का मास्क लोग इसलिए भी खरीदते हैं क्योंकि इसको बार- बार धोकर इस्तेमाल किया जा सकता है. लेकिन कपडे़ वाला मास्क खरीदते या बनाते वक्त आपको ध्यान रखना है कि मास्क में बीच से सिलाई न हो कोनो से सिलाई की गई हो वो भी बेहद बारीकी से.