बूस्टर डोज पर गौर कर रहे वैज्ञानिक, प्राथमिक टीकाकरण बेहद जरूरी: केंद्र
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बूस्टर डोज पर गौर कर रहे वैज्ञानिक, प्राथमिक टीकाकरण बेहद जरूरी: केंद्र

कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों के देखते हुए केंद्र सरकार ने वैक्सीनेशन को बेहद जरूरी बताया है. साथ ही बूस्टर डोज पर वैज्ञानिकों की राय लेने की बात कही है.

प्रतीकात्मक तस्वीर.

नयी दिल्लीः केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कहा कि वैज्ञानिक समुदाय कोविड-19 रोधी टीके की बूस्टर खुराक देने के सभी पहलुओं पर विचार कर रहा है, जबकि अधिकतम संभव आबादी का प्राथमिक टीकाकरण करना सबसे महत्वपूर्ण लक्ष्य है.

  1. बूस्टर डोज पर विचार
  2. ओमिक्रॉन को लेकर सतर्कता
  3. वैक्सीनेशन पर सरकार का जोर

नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ये हस्तक्षेप और उपाय विज्ञान, स्थानीय महामारी विज्ञान और संसाधनों से संबंधित हैं. उन्होंने कहा, ‘टीका संसाधनों को लेकर इस समय की स्थिति कुल मिलाकर अच्छी है. वैज्ञानिक समुदाय लगातार इन पहलुओं पर विचार कर रहा है.’

पॉल ने कहा, ‘जब कोई संसाधन की कमी नहीं है तो महामारी विज्ञान और वैज्ञानिक परामर्श के आधार पर यह (टीके की बूस्टर खुराक के बारे में) तय होगा.’ पॉल ने कहा कि वैज्ञानिकों की सक्षम टीम बूस्टर खुराक के मुद्दे की जांच पड़ताल कर रही है. उन्होंने कहा कि उचित सबूतों के साथ और उचित समय पर यह विकल्प चुना जाएगा.

पॉल ने कहा, ‘लेकिन तथ्य यह है कि यह सब दृष्टिकोण तब आता है जब हमने अधिकतम संभव आबादी को प्राथमिक टीकाकरण कवरेज प्रदान कर दिया हो और यह सबसे महत्वपूर्ण लक्ष्य है.’

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