Covid-19 effect on School: अब कोरोना वायरस केस एक बार फिर बढ़ रहे हैं, इसलिए लोगों के मन में कई सवाल हैं. अब एक्सपर्ट ने बताया है कि कोरोना के केस भले ही मिल जाएं लेकिन स्कूल बंद करने की जरूरत नहीं होगी. जानिए क्या है विशेषज्ञों की राय...
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Covid-19 effect on School: हमारे देश में तकरीबन 12 करोड़ बच्चों के लिए, स्कूल न केवल सीखने की जगह है बल्कि एक समय का भोजन मिलने की जगह भी है. स्कूलों का बंद होना मतलब कई बढ़ते बच्चों के लिए पोषण मिलना भी बंद हो जाना. ऐसे में कोरोना के मामले सामने आने (Uptick In Covid Cases) के बाद अब लोगों को लग रहा है कि शायद स्कूल फिर बंद होंगे, लेकिन बीते दो साल में बच्चों का कई तरह से नुकसान हो चुका है. पढ़ाई से लेकर पोषण तक (Learning Loss Due To Covid-19) , इसलिए एक्सपर्ट के अब कोरोना के कारण स्कूल बंद ना करने की सलाह दे रहे हैं.
क्या कोरोना के मामले बढ़ते हुए देखकर फिर से स्कूलों को बंद कर देना ठीक होगा? इस सवाल के जवाब में टाइम्स ऑफ इंडिया ने महामारी रोग विशेषज्ञ डॉ. चंद्रकांत लहरिया (Dr Chandrakant Lahariya) से बात की. डॉ. लहरिया का कहना है कि जब कोरोना महामारी की शुरुआत हुई SARS CoV 2 एक नया वायरस था. लोगों को संक्रमण और गंभीर बीमारी को लेकर जानकारियां नहीं थीं. लेकिन अब लोगों को पता है कि कोविड-19 संक्रमण किसके लिए, कैसे और कितना खतरनाक है. सब जानते हैं कि इससे संक्रमित तो सभी (बच्चे, वयस्क और बुजुर्ग) हो सकते हैं. लेकिन 60 से अधिक आयु वालों को इसमें ज्यादा जोखिम है, इसके साथ ही वयस्कों की तुलना में सभी बच्चे (कोरोना टीका लगा हो या नहीं) कम जोखिम में हैं.
डॉक्टर ने बताया कि बढ़ते मामले देखकर लग रहा है कि देश में अब कोरोना ने चौथी लहर (Covid 4th wave) की तैयारी कर ली है. एशिया और यूरोप के कई देशों में तबाही मचाने के बाद यह अब धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है. लेकिन सच ये है कि लहर आए भी तो बच्चों को इस अधमरे वायरस से डरने की जरूरत नहीं है. बस कुछ बातों का ध्यान रखा जाए, तो कोरोना क्या कोरोना के बच्चे (नए-नए वेरिएंट्स) भी बच्चों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा पाएंगे.
इसके आगे डॉक्टर ने जो बातें बताई हैं वह गौर करने लायक हैं. उन्होंने कहा कि रिसर्च में यह बात सामने आई है कि कोरोना वायरस अब हमारे साथ लंबे समय तक या हमेशा के लिए रह सकता है. कोविड -19 के मामले नियमित अंतराल पर सामने आते रहेंगे और स्कूलों में भी कोरोना के मामले आएंगे. ऐसा होगा चाहे हम कुछ भी करें. इसमें किसी को यह आश्चर्य नहीं होना चाहिए कि बच्चे भी कोरोना पॉजिटिव हो सकते हैं. बीते दिनों के आंकड़ों को देखें तो भारत में 70% से 90% बच्चों में स्कूल बंद होने पर भी संक्रमण हुआ और इम्युनिटी विकसित हो चुकी है. इसलिए स्कूल के बाहर भी संक्रमण मिल ही सकता है तो स्कूल बंद करने की जरूरत नहीं. उन्होंने यह भी कहा कि संभव है कि बच्चों को अपने परिवार या दूसरे लोगों से संक्रमण मिल जाए. लेकिन महामारी की शुरुआत के बाद से और अब भी बच्चों में कोरोना के लक्षण हल्के ही रहे हैं.
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ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्लास में बच्चों को संक्रमण पाया जाता है तो क्या किया जाए? तो इस मामले में डॉक्टर ने सलाह दी है कि पैनिक होने और क्लास बंद करने की बजाय इस संक्रमण को भी डेंगू, टाइफाइड या बच्चों में सामान्य सर्दी की तरह केयर किया जाना चाहिए. संक्रमण वाले बच्चे को डॉक्टर की सलाह के अनुसार घर पर रहे और क्लास के अन्य बच्चे स्कूल जाना जारी रख सकते हैं. स्कूल या क्लास को पूरी तरह बंद करना तर्कसंगत नहीं है.
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