कोरोना महामारी काल (Corona Pandemics) में जिस वैक्सीन का इंतजार पूरी दुनिया कर रही है, आज उस वैक्सीन को लेकर सबसे बड़े शुभ समाचार का दिन है. आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra modi) के दौरे पर सिर्फ देश की नहीं, दुनियाभर की निगाहें टिकी हैं.
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नई दिल्ली: आज कोरोना वैक्सीन को लेकर सबसे बड़े शुभ समाचार का दिन है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra modi) कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) की तैयारियों का जायजा लेने के लिए हैदराबाद के भारत बायोटेक
(Bharat Biotech) पहुंचे. भारत बायोटेक कोरोना वैक्सीन बना रही है. 'कोवैक्सीन' के नाम से स्वदेशी वैक्सीन बन रही है. पीएम मोदी ने वैक्सीन की तैयारियों का जानकारी ली. इससे पहले पीएम मोदी ने अहमदाबाद में जाइडस कैडिला प्लांट का दौरा किया. प्रधानमंत्री मोदी अभी पुणे भी जाएंगे. प्रधानमंत्री मोदी (PM Narendra Modi) के आज के दौरे पर सिर्फ देश की नहीं, दुनियाभर की निगाहें टिकी हैं.
अहमदाबाद (Ahmedabad), पुणे (Pune) और हैदराबाद (Hyderabad) को कोरोना काल के तीन नए तीर्थ स्थल भी कहा जा सकता है, क्योंकि इन तीन शहरों से ही कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) पर शुभ समाचार आ सकता है. यहां जायडस कैडिला (Zydus Cadila) नाम की कम्पनी वैक्सीन तैयार कर रही है. उसका ट्रायल अभी दूसरे चरण में है. तो वहीं पुणे के Serum Institute में ब्रिटेन की Oxford University और Astrazeneca कम्पनी की वैक्सीन पर काम चल रहा है. ये वैक्सीन ट्रायल के तीसरे यानी आख़िरी चरण में है. और हैदराबाद में भारत बायोटेक की प्रयोगशाला में स्वदेशी वैक्सीन विकसित की जा रही है. ये वैक्सीन भी तीसरे चरण में है.
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अहमदाबाद में जायडस कैडिला (Zydus Cadila) का प्लांट है. जहां दूसरी पूर्ण स्वदेशी कोरोना वैक्सीन बनाई जा रही है. वैक्सीन अभी ट्रायल के दूसरे चरण में है. दिसंबर महीने में वैक्सीन के ट्रायल का तीसरा चरण शुरू होना है. और इसकी कीमत के बारे में भी अभी कोई जानकारी नहीं मिली है. आज प्रधानमंत्री मोदी यहां तैयारियों को परखेंगे. वो वैक्सीन प्लांट में यह समझेंगे कि वैक्सीन का डेवलपमेंट प्रोसेस क्या है, कैसे उसकी बॉटलिंग होती है और फिर स्टॉक कैसे तैयार किया जाता है.
हैदराबाद में ये सिर्फ भारत बायोटेक कंपनी का मुख्यालय भर नहीं, संक्रमण काल में ये देश-दुनिया की उम्मीदों का केंद्र है. इसका पता है: भारत बायोटेक, तुरकापल्ली गांव, जीनोम वैली, हैदराबाद. इस स्वदेशी वैक्सीन का नाम Covaxin है और इसे Bharat Biotech कम्पनी विकसित कर रही है. भारत बायोटेक की Covaxin का ट्रायल के तीसरे चरण में है. और माना जा रहा है कि ये वैक्सीन दूसरी Vaccines के मुकाबले सबसे सस्ती हो सकती है. इस वैक्सीन की एक डोज की कीमत 100 रुपये के आसपास हो सकती है और इस हिसाब से अगर देश में सभी लोगों को ये वैक्सीन लगाई गई तो सरकार का इस पर खर्च 13 हजार 500 करोड़ रुपये के आसपास होगा. भारत बायोटेक अपनी वैक्सीन आईसीएमआर दिल्ली और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के साथ मिलकर बना रही है.
पुणे के Serum Institute में भी कोरोना के खिलाफ वैक्सीन का निर्माण चल रहा है. सीरम इंस्टीट्यूट में जो कोरोना वैक्सीन बन रही है, उसका नाम Covi-Shield. ये वैक्सीन Oxford यूनिवर्सिटी और फार्मा कंपनी Astrazeneca मिलकर तैयार कर रही हैं. वैक्सीन ट्रायल के आखिरी चरण में है. और माना जा रहा है कि इस वैक्सीन की एक डोज की कीमत 222 रुपये होगी. उम्मीद है कि भारत में यही वैक्सीन सबसे पहले लोगों को मिल सकती है, और अगर ऐसा होता है तो भारत के 135 करोड़ लोगों को ये वैक्सीन लगाने पर 29 हज़ार 700 करोड़ रुपये ख़र्च हो सकते हैं. भारत में 17 केंद्रों पर इसका मानव परीक्षण चल रहा है जिसके परिणाम बहुत अच्छे हैं. सीरम इंस्टिट्यूट ना सिर्फ भारत बल्कि पूरे विश्व के लिए वैक्सीन बना रहा है. पूरी दुनिया भारत की ओर नजर गड़ाए बैठी है.