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नई दिल्ली: कोरोना से रिकवरी होने के बाद मरीजों को कुछ दिनों तक ज्यादा सतर्क रहने की सलाह दी जाती है लेकिन कोलकाता में कोविड रिकवरी के बाद मरीजों को जो दिक्कत आई है वह काफी डराने वाली है. यहां कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं जिनमें कोरोना से उबर चुके मरीजों की आवाज खराब हो रही है या फिर चली जा रही है. ऐसे मामलों ने डॉक्टर समेत आम लोगों की चिंता को बढ़ा दिया है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक डॉक्टर इस समस्या को अस्थाई मान रहे हैं और उनका कहना है कि कुछ दिन बाद ऐसे मरीजों की आवाज फिर से वापस आ जाती है. एक्सपर्ट का कहना है कि काफी हफ्तों तक आवाज नहीं निकलने के चलते आवाज में दिक्कत हो सकती है लेकिन कोरोना से ही इसका सीधा संबंध हो, यह जरूरी नहीं है. एक्सपर्ट के मुताबिक गले में इंफेक्शन की वजह से भी गला बंद होने की समस्या आ सकती है.
डॉक्टरों ने बताया कि कोरोना से जूझते हुए मरीजों के रेस्परटरी सिस्टम पर असर पड़ता है. आम तौर पर कोविड लोवर रेस्परटरी सिस्टम को प्रभावित करता है लेकिन कई मामलों में संक्रमण की वजह से अपर रेस्परटरी सिस्टम पर भी बुरा असर पड़ा है. ऐसे में गले में सूजन या इंफेक्शन के चलते मरीजों का गला चोक हो जाता है और उनकी आवाज जा सकती है.
कोरोना से रिकवरी के बाद शुरुआती तीन हफ्ते से लेकर अगले तीन महीनों तक आवाज की समस्या हो सकती है. हालांकि फिर भी डॉक्टरों का कहना है कि यह एक अस्थाई समस्या है और हमेशा के लिए किसी भी मरीज की आवाज नहीं जाएगी.
एक्सपर्ट के हवाले से रिपोर्ट में बताया गया है कि कोरोना संक्रमण के दौरान मरीज के फेफड़े कमजोर हो जाते हैं और ऐसे में वह कम बोल पाता है. कई मरीजों को बोलने में दिक्कतों का भी सामना करना पड़ता है, उन्हें रुक-रुक कर बोलने की सलाह दी जाती है. संक्रमण का असर कम होने के साथ-साथ इस समस्या से भी मरीज को निजात मिल जाती है.
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देश के बाकी हिस्सों की तरह पश्चिम बंगाल में भी कोरोना संक्रमण का असर कम होता दिख रहा है. रविवार को राज्य में 748 नए मामले सामने आने के बाद कुल मामले बढ़कर 15,66,393 हो गए. राजधानी कोलकाता में 139 और उत्तरी 24 परगना जिले में 118 नए मामले सामने आए हैं. राज्य में अभी 7,683 मरीजों का इलाज चल रहा है अब तक 15,39,974 लोग कोरोना से रिकवर हो चुके हैं.