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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन (NDHM) की शुरुआत की, जिसके अंतर्गत हर भारतीय को एक यूनिक डिजिटल हेल्थ आईडी (Unique Digital Health ID) मिलेगी और इससे देश में एक डिजिटल हेल्थ सिस्टम तैयार किया जा सकेगा. क्या आपको पता है कि आप अपनी हेल्थ आईडी कैसे बना सकते हैं और इसके क्या फायदे हैं? तो चलिए हम आपको बताते हैं.
राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन (NDHM) के तहत हेल्थ आईडी बनाने के लिए ऑफिशियल वेबसाइट (healthid.ndhm.gov.in) पर जाएं या फिर गूगल प्ले स्टोर से ABDM Health Records app डाउनलोड करें. इसके बाद वेबसाइट या ऐप के जरिए खुद की आईडी बना सकते हैं. इसके अलावा आप नजदीक के सरकारी या प्राइवेट अस्पताल में जाकर भी अपनी हेल्थ आईडी बनवा सकते हैं. फिलहाल ये आपकी इच्छा पर है कि आप अपना हेल्थ आईडी बनाना चाहते हैं या नहीं.
इसके लिए आपके पास अपना आधार कार्ड (Aadhaar Card) नंबर होना चाहिए और वो आधार कार्ड आपके मोबाइल नंबर से लिंक होना चाहिए. आधार कार्ड नंबर से हेल्थ आईडी बनाने का फायदा ये है कि ज्यादातर जानकारी ये वेबसाइट उसी आधार नंबर के आधार पर स्वयं अपडेट कर लेती है. अगर आप आधार का इस्तेमाल नहीं करना चाहते तो मोबाइल नंबर के ज़रिए भी आप हेल्थ आईडी बना सकते हैं.
वेबसाइट या ऐप पर आधार और मोबाइल नंबर दर्ज करने के बाद आपको एक नई आईडी जेनरेट करनी होगी. जैसे- POOJA@NDHM. इसमें @NDHM स्थायी है. यानी वेबसाइट पर ये पहले से दर्ज है और आपको केवल आगे का एक आईडी सोचकर दर्ज करना है. इसके बाद आपको अपने घर का पता और जन्मतिथि दर्ज करनी होगी. उसके बाद एक 14 अंकों का यूनिक डिजिटल हेल्थ आईडी (Unique Digital Health ID) बन जाएगी. अब आप ये आईडी डाउनलोड कर सकते हैं और बेहतर होगा कि 14 अंकों के नंबर को आप कहीं नोट कर लें. अगर आप किसी सरकारी योजना का लाभ लेना चाहते हैं तो आने वाले वक्त में ये आईडी आपके काम आएगी.
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आप एक से ज्यादा आईडी भी बना सकते हैं. अगर आप अपनी कोई स्वास्थ्य संबंधी जानकारी गोपनीय रखना चाहते हैं तो आप अलग-अलग आईडी पर अलग-अलग जानकारी दर्ज कर सकते हैं. हालांकि बेहतर यही है कि एक ही आईडी रहे ताकि आपकी सभी जानकारियां एक जगह पर ही रहे.
फिलहाल आपको केवल अपनी आईडी जेनरेट करनी है. आने वाले वक्त में देश के सभी हेल्थ केयर सिस्टम यानी अस्पताल, डॉक्टर और मरीज से जुड़ी सभी जानकारियां इस सिस्टम से जुड़ जाएंगी. अगले चरण में देश की सभी फार्मेसी भी इससे जोड़ दी जाएंगी. आधार कार्ड के बाद भारत की ये सबसे बड़ी डिजिटल क्रांति साबित हो सकती है. आने वाले वक्त में आप अपने रिकॉर्ड जैसे एक्सरे, एमआरआई रिपोर्ट, प्रिस्क्रिप्शन आदि भी अपलोड कर पाएंगे. अभी ये सुविधा नहीं है. ये सुविधा विशेष तौर पर उन लोगों के लिए रहेगी, जो किसी सरकारी योजना का लाभ लेना चाहते हैं और उन्हें इसके लिए जरूरी कागजात दर्ज कराने होते हैं.
जन धन, आधार और मोबाइल (JAM) ट्रिनिटी और सरकार की अन्य डिजिटल पहलों के रूप में तैयार बुनियादी ढांचे के आधार पर एनडीएचएम (NDHM) स्वास्थ्य संबंधी व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा, गोपनीयता और निजता को सुनिश्चित करते हुए डेटा, सूचना और जानकारी का एक सहज ऑनलाइन प्लेटफॉर्म तैयार करेगा. प्रधानमंत्री डिजिटल स्वास्थ्य मिशन को भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है. इससे न केवल मरीजों को बल्कि डॉक्टरों और शोधकर्ताओं को भी काफी लाभ पहुंचेगा. डिजिटल होने की वजह से कागजी कार्रवाई से छुटकारा मिल जाएगा और डॉक्टर भी भली प्रकार से समझ सकेगा कि मरीज को पूर्व में कौन कौन सी बीमारी थी और आगे कौन से कदम उठाने हैं.
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