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अहमदाबाद: कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) के बीच गुजरात में चक्रवाती तूफान (Cyclone in Gujarat) का खतरा मंडरा रहा है, जो भारी तबाही मचा सकता है. मौसम विभाग ने 17 और 18 मई को पश्चिमी तट की ओर से चक्रवाती तूफान आने की भविष्यवाणी की है. हालांकि, इस चक्रवात के पाकिस्तान में कराची के तट से टकराने की संभावना है लेकिन गुजरात के समुद्री किनारे भी इसकी चपेट में आ सकते हैं.
यह साल 2021 का पहला चक्रवाती तूफान होगा और इसका नाम 'तौकाते (Tauktae)' रखा गया है. इस बार चक्रवाती तूफान का नाम म्यांमार की तरफ से दिया गया है, जिसका जिसका अर्थ होता है, अत्यधिक आवाज करने वाली छिपकली. बता दें कि हिंद महासागर क्षेत्र के आठ देशों ने भारत की पहल पर चक्रवाती तूफानों को नाम देने की एक औपचारिक व्यवस्था शुरू की थी. इन देशों में भारत के अलावा बांग्लादेश, पाकिस्तान, म्यांमार, मालदीव, श्रीलंका, ओमान और थाईलैंड शामिल हैं.
गुजरात में इस तरह के चक्रवाती तूफान की आहट के बाद राज्य के मुख्मयंत्री विजय रूपाणी ने एक बैठक की और तटीय जिलों के अधिकारियों को चौकस रहने एवं जरूरी उपाय करने का निर्देश दिया है. अधिकारियों का अनुमान है कि पूर्व-मध्य अरब सागर में चक्रवात उत्पन्न होने से सौराष्ट्र और दक्षिणी क्षेत्र समेत गुजरात के तटीय भागों में गरज के साथ बौछारें पड़ सकती हैं.
गुजरात के अलावा गोवा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, केरल और लक्षद्वीपको सावधान रहने की हिदायत दी गई है, क्योंकि मौसम विभाग ने तटीय क्षेत्रों में बारिश की संभावना भी जताई है. इसके साथ ही मौसम विभाग ने मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने का अलर्ट जारी किया है. मौसम विभाग के अनुसार, लक्षद्वीप और मालदीव के इलाकों में 40 से 60 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से तेज हवाएं चलेंगी. इसके अलावा केरल, गोवा, कर्नाटक और महाराष्ट्र के तटीय इलाकों में लोगों को आंधी-तूफान के साथ बारिश का सामना करना पड़ेगा.
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