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सहारनपुर: जनसंख्या नियंत्रण के लिए यूपी में लाए जा रहे प्रस्तावित कानून (Population Control Act) पर अब सहारनपुर का दारुल उलूम देवबंद (Darul Uloom Deoband) खुलकर सामने आ गया है. दारुल उलूम ने इस पहल को मानवाधिकारों के खिलाफ बताते हुए रोक लगाने की मांग की है.
दारुल उलूम देवबंद (Darul Uloom Deoband) के प्रेस प्रवक्ता अशरफ उस्मानी ने कहा कि उन बच्चों की क्या गलती है. जिन्हें यह कानून लागू होने के बाद सरकारी योजनाओं से दूर रखा जाएगा. उन बच्चों पर क्या बीतेगी, जिनके माता-पिता को सरकारी योजनाओं से अलग रखा जाएगा. अशरफ उस्मानी ने कहा कि जनसंख्या वृद्धि कंट्रोल करने का यह तरीका पूरी तरह हयुमन राइट्स के खिलाफ है.
अशरफ उस्मानी ने प्रस्तावित कानून (Population Control Act) की अपने हिसाब से व्याख्या करते हुए कहा कि अगर दो से ज्यादा बच्चों के माता-पिता को उनसे अलग कर दिया जाता है तो उन पर क्या असर पड़ेगा. इस पहल दारुल उलूम देवबंद एंटी हयुमन मांगते हैं और मानवाधिकारों के खिलाफ मानता है.
दारुल उलूम (Darul Uloom Deoband) के उलेमा मुफ्ती तारिक कासमी ने कहा कि प्रस्तावित कानून (Population Control Act) के विरोध को धर्म से जोड़कर नहीं देखना चाहिए. यह सबकी अपनी मर्जी है कि किसी के दो बच्चे हैं और किसी के इससे ज्यादा. इस बात धर्म विशेष से जोड़कर देखना गलत है और यह मानवाधिकारों के भी खिलाफ है.
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बताते चलें कि सीएम योगी (Yogi Adityanath) ने प्रस्तावित जनसंख्या नियंत्रण कानून (Population Control Act) का ड्राफ्ट जारी किया है. इस ड्राफ्ट के अनुसार दो से ज्यादा बच्चे करने पर निकाय चुनाव लड़ने पर रोक और कई सरकारी सुविधाओं की समाप्ति की बात कही गई है. सरकार ने इस ड्राफ्ट पर 19 जुलाई तक लोगों से आपत्तियां मांगी हैं. उसके बाद असेंबली में बिल लाकर इस प्रस्ताव को कानून बना दिया जाएगा.
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