ATAGS: दुश्मनों के लिए काल बनेगा एडवांस टोड आर्टिलरी गन सिस्टम, जानें इसकी खासियत
Advertisement
trendingNow11371386

ATAGS: दुश्मनों के लिए काल बनेगा एडवांस टोड आर्टिलरी गन सिस्टम, जानें इसकी खासियत

Indian Army Weapons: रक्षा सूत्रों के अनुसार सफलतापूर्वक परीक्षण के बाद भारतीय सेना को जल्द ही एडवांस टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (ATAGS) मिल सकता है, जिसे डीआरडीओ और भारतीय निजी क्षेत्र के साथ मिलकर विकसित किया है.

ATAGS: दुश्मनों के लिए काल बनेगा एडवांस टोड आर्टिलरी गन सिस्टम, जानें इसकी खासियत

Advanced Towed Artillery Gun System: एडवांस टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (ATAGS) सफलतापूर्वक परीक्षण के बाद जल्द सेना को सौंपा जा सकता है. रक्षा सूत्रों के अनुसार, एटीएजीएस प्रणाली को एक ग्रीनफील्ड परियोजना के तहत विकसित किया जा रहा है, जिसे डीआरडीओ और भारतीय निजी क्षेत्र के बीच एक सफल साझेदारी के माध्यम से डिजाइन और विकसित किया गया है.

के-9 वज्र को शामिल करने को तैयार है भारतीय सेना

सूत्रों ने यह भी खुलासा किया है कि भारतीय सेना मैकेनाइज्ड फॉर्मेशन के लिए मारक क्षमता बढ़ाने के लिए के-9 वज्र को शामिल करने के लिए तैयार है. अतिरिक्त रेजिमेंट्स को शामिल करने के लिए रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) की मंजूरी मिल गई है. सूत्रों के अनुसार, पिछली वज्र ने भारतीय सेना की ताकत को मारक क्षमता और शॉक एक्शन के मामले में कई गुना बढ़ा दिया है. फिलहाल सेल्फ प्रोपेल्ड गन वज्र देश के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनात की गई हैं . सिस्टम को पहले ही मान्य किया जा चुका है और उत्तरी सीमाओं के साथ उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनात किया गया है.

सूत्रों ने उल्लेख किया कि भारतीय सेना देश को 'आत्मनिर्भर' के रूप में बदल रही है और एक वैश्विक नेता के रूप में विकसित हो रही है. सूत्रों ने आगे कहा कि उन्हें उद्योग से उत्साही प्रतिक्रियाएं मिलीं, जिसमें कई फर्मों ने हथियार प्रणाली के निर्माण की अपनी क्षमता व्यक्त की है. रक्षा प्रतिष्ठान सूत्रों ने कहा कि एडवांस फायर कंट्रोल ऑटोमेशन (Advance Fire Control Automation) को उत्तरी सीमाओं के साथ भारतीय तोपखाने में तैनात किया गया है.

क्या है एडवांस टोड आर्टिलरी गन सिस्टम?

एडवांस टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (ATAGS) लंबी दूरी की कैलिबर होवित्जर स्वदेशी तोप है, जिसे एटीएजीएस परियोजना के तहत डीआरडीओ द्वारा सेना की पुरानी तोपों को आधुनिक 155 मिमी आर्टिलरी गन से बदलने के लिए शुरू किया गया था. पुरानी तोपों के मुकाबले एटीएजीएस की आयुध प्रणाली में मुख्य रूप से बैरल, ब्रीच मैकेनिज्म, मजल ब्रेक और रिकॉइल मैकेनिज्म होता है. यह सेना को लंबी दूरी, सटीकता और 155 मिमी कैलिबर के साथ गोला बारूद को फायर करने के लिए अधिक मारक क्षमता प्रदान करता है.

बेहद सटीक निशाना साधने में सक्षम

एडवांस टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (ATAGS) काफी हाइटेक है और यह आंखों से न दिखने वाले टारगेट पर भी बेहद सटीक निशाना साध सकती है. इसे बेहतर सटीक और अधिक रेंज प्राप्त करने के लिए डिजाइन किया गया है. रिपोर्ट के अनुसार, इसकी रेंज 52 किलोमीटर है और एक समय में लगातार पांच राउंड फायरिंग करने में सक्षम है.
(इनपुट- न्यूज एजेंसी एएनआई)

ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर

Trending news