2016 Aiims Staff Attack Case: अदालत ने फैसले में भारती की उस दलील को खारिज कर दिया कि उन्हें फर्जी तरीके से फंसाया गया है. कोर्ट ने कहा कि सुनवाई के दौरान मिले दस्तावेज और सबूतों से ये साफ है कि भारती ने जेसीबी से एम्स की दीवार तोड़ी थी.
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नई दिल्ली: राजधानी के एम्स (AIIMS) अस्पताल में तोड़फोड़ और मारपीट के मामले में आम आदमी पार्टी के विधायक और दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री सोमनाथ भारती (Somnath Bharti) को बड़ा झटका लगा है. राउज एवेन्यू सेशन कोर्ट ने एम्स (AIIMS) के सिक्योरिटी गार्ड्स के साथ मारपीट के मामले में भारती को जो दो साल कैद की सजा सुनाई गई थी उस आदेश को कोर्ट ने बरकरार रखा है. अदालत ने सोमनाथ भारती की अपील को खारिज कर दिया. वहीं आदेश पारित होते ही फौरन उन्हें न्यायिक हिरासत में लिया गया.
अदालत ने फैसले में भारती की उस दलील को खारिज कर दिया कि उन्हें इस केस में फर्जी तरीके से फंसाया गया है. कोर्ट ने कहा कि सुनवाई के दौरान मिले दस्तावेज और सबूतों से ये साफ है कि भारती ने जेसीबी से एम्स की दीवार तोड़ी थी जबकि उसे बनाने के लिए बाकायदा एमसीडी (MCD) से मंजूरी ली गई थी. कोर्ट ने इस दौरान वो तर्क भी खारिज किया जिसमें कहा गया था कि भारती पर 300 लोगों की भीड़ बुला कर तोड़फोड़ और हंगामे का आरोप लगा था लेकिन सिर्फ 5 लोगों को ही आरोपी बनाया गया.
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कोर्ट ने इस मामले के दूसरे आरोपियों जगत सैनी, दिलीप झा , संदीप सोनू और राकेश पांडेय को बरी करने का आदेश दिया. कोर्ट ने सोमनाथ भारती को भारतीय दंड संहिता की धारा 323, 353, 147 और 149 के अलावा प्रिवेंशन ऑफ डैमेज टू पब्लिक प्रोपर्टी एक्ट की धारा 3 के तहत दोषी पाया था.
भारती पर आरोप था कि उन्होंने अपने करीब 300 समर्थकों के साथ मिलकर AIIMS की दीवार गिराई थी. उसके बाद ये सभी लोग अवैध तरीके से वहां दाखिल हुए थे. मामला साल 2016 का है जब 9 सितंबर को एम्स के मुख्य सुरक्षा अधिकारी ने हौजखास थाने में भारती के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी.
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