दिल्ली चुनाव: पार्टी बदलने वाले इन नेताओं का निकला दम लेकिन कुछ उम्मीदवारों को मिली संजीवनी
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दिल्ली चुनाव: पार्टी बदलने वाले इन नेताओं का निकला दम लेकिन कुछ उम्मीदवारों को मिली संजीवनी

विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Election 2020) के नतीजे सामने आ गए हैं. आम आदमी पार्टी (AAP) ने दिल्ली में शानदार जीत हासिल की है. AAP ने 70 में से 62 सीटों पर जीत दर्ज की है, वहीं बीजेपी को केवल 8 सीटें मिली हैं. 

पार्टी बदलने वाले कई नेताओं की हुई हार

नई दिल्ली: विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Election 2020) के नतीजे सामने आ गए हैं. आम आदमी पार्टी (AAP) ने दिल्ली में शानदार जीत हासिल की है. AAP ने 70 में से 62 सीटों पर जीत दर्ज की है, वहीं बीजेपी को केवल 8 सीटें मिली हैं. कांग्रेस के लिए यह चुनाव निराशाजनक रहा और उसे एक भी सीट नहीं मिली. इस चुनाव की खास बात ये रही है कि पार्टी बदलने वाले नेताओं पर जनता ने बहुत भरोसा नहीं जताया और उन्हें हार का सामना करना पड़ा. हालांकि कई नेताओं को पार्टी बदलने का फायदा भी मिला और उन्हें जीत हासिल हुई. हारने वाले नेताओं में कपिल मिश्रा और अलका लांबा का नाम मुख्य है.

कपिल मिश्रा
आम आदमी पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए कपिल मिश्रा ने मॉडल टाउन से चुनाव लड़ा था. लेकिन उन्हें आम आदमी पार्टी के अखिलेश पति त्रिपाठी ने चुनाव हराया. कपिल का ये चुनाव हारना इसलिए भी चर्चा का विषय बना क्योंकि वह जब आप में थे तो केजरीवाल के खास माने जाते थे लेकिन बीजेपी ज्वाइन करने के बाद उन्होंने केजरीवाल पर जमकर निशाना साधा था. 

अलका लांबा

अलका लांबा आम आदमी पार्टी की प्रमुख महिला नेताओं में से एक थीं लेकिन बाद में उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन कर ली और दिल्ली के चांदनी चौक से चुनाव लड़ा. लेकिन इस सीट पर आप के प्रहलाद सिंह जीते. 

आदर्श शास्त्री

पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पौत्र और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनिल शास्त्री के बेटे आदर्श शास्त्री ने आप छोड़कर कांग्रेस का दामन थामा लेकिन उन्हें इस चुनाव में हार का सामना करना पड़ा और यहां से आप उम्मीदवार विनय मिश्रा को जीत मिली. 

अनिल वाजपेयी
अनिल वाजपेयी गांधीनगर से चुनाव में उतरे. वह पहले आम आदमी पार्टी में थे लेकिन यह चुनाव उन्होंने बीजेपी से लड़ा और उन्हें जीत हासिल हुई. उन्होंने आप के नवीन चौधरी को हराया. 

राम सिंह नेताजी
कांग्रेस नेता रहे राम सिंह नेताजी ने इस बार बदरपुर से AAP से चुनाव लड़ा और उन्हें हार का सामना करना पड़ा. 

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विनय मिश्रा
विनय मिश्रा कांग्रेस में थे लेकिन बाद में वह आप में आ गए और द्वारका सीट से उन्हें जीत हासिल हुई. 

प्रहलाद साहनी
प्रहलाद साहनी कांग्रेस छोड़कर आप में शामिल हुए और उन्होंने चांदनी चौक से चुनाव लड़ा. हालांकि प्रहलाद को इस चुनाव में जीत मिली और उन्होंने अलका लांबा को हराया. 

राजकुमारी ढिल्लों
राजकुमारी ढिल्लों पहले कांग्रेस में थीं लेकिन इस चुनाव में वह आप में शामिल हो गईं और उन्हें जीत भी हासिल हुई. उन्होंने बीजेपी के तेजेन्द्रपाल बग्गा को हरिनगर सीट से हराया. 

शोएब इकबाल
शोएब इकबाल पहले कांग्रेस नेता थे लेकिन यह चुनाव उन्होंने मटिया महल सीट से आप से लड़ा और जीत हासिल की. 

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