Delhi CM: दिल्ली के सीएम को ईडी ने 21 मार्च को आबकारी नीति मामले में गिरफ्तार किया था. बीच में सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए 10 मई को 21 दिन की अंतरिम जमानत दी थी. अब सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी है. आइए शुरू से एक बार पूरे मामले पर नजर डालते हैं.
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Arvind Kejriwal Tihar Jail: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आखिरकार 177 दिन बाद खुली हवा में सांस लेंगे. वे तिहाड़ जेल से बाहर आ चुके हैं. दिल्ली के कथित शराब घोटाले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई. इस दौरान आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता से लेकर वरिष्ठ नेता तक अदालत के फैसले पर खुशी जाहिर कर रहे हैं. जेल से बाहर निकलते ही केजरीवाल ने कहा कि मैं उन लोगों का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं, जिन्होंने मेरी रिहाई के लिए प्रार्थना की, मेरी ताकत अब दोगुनी हो गई है. भारी बारिश के बीच पोस्टर, बैनर और पार्टी के नीले-पीले झंडों के साथ छाते लेकर आप समर्थक जेल के बाहर मौजूद थे. खुशी से झूमती भीड़ केजरीवाल के समर्थन में नारे लगाती नजर आई.
साज़िश पर सत्य की जीत हुई। तिहाड़ जेल से बाहर आए CM अरविंद केजरीवाल। LIVE https://t.co/1eVNK559Lb
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) September 13, 2024
असल में केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को गिरफ्तार गिरफ्तार किया. 10 दिन की पूछताछ के बाद 1 अप्रैल को तिहाड़ जेल भेजा गया था. फिर 10 मई को 21 दिन के लिए आम चुनाव में प्रचार के लिए रिहा किया गया. ये रिहाई 51 दिन जेल में रहने के बाद मिली थी. 2 जून को केजरीवाल ने तिहाड़ जेल में सरेंडर कर दिया था. अब 13 सितंबर को केजरीवाल की रिहाई होती है तो कुल जेल गए 177 दिन हो जाएंगे. अगर 21 दिन की रिहाई को कम कर दिया जाए तो केजरीवाल कुल 156 दिन जेल में रहे.
हुआ यह था कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शराब घोटाले के जुड़े धन शोधन मामले में जब नौ बार ईडी के नोटिस को नजरअंदाज किया, तो उन्हें इस साल 21 मार्च को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया गया. इस दौरान, केजरीवाल से पूछताछ होती रही, जिसमें कई तथ्य निकलकर सामने भी आए. लेकिन इस बीच देश में लोकसभा चुनाव का बिगुल बजा, तो भारतीय राजनीति में अपनी जमीन बढ़ाने की तलाश में जुटी आम आदमी पार्टी को अपने नेता केजरीवाल की अहमियत का एहसास हुआ.
इसके बाद आम आदमी पार्टी ने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. शीर्ष न्यायालय ने उन्हें लोकसभा चुनाव के लिए 10 मई से लेकर 1 जून तक के लिए जमानत दे दी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केजरीवाल कोई आपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्ति नहीं हैं, और न ही उनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड रहा है, लिहाजा वह समाज के लिए कोई खतरा नहीं हैं.
वहीं, 2 जून को जमानत अवधि समाप्त होने के बाद केजरीवाल वापस तिहाड़ जेल चले गये. इसके बाद, 26 जून को ईडी के बाद सीबीआई ने भी उन पर शिकंजा कसा. सीबीआई ने उन्हें 26 जून को इसी मामले में गिरफ्तार कर लिया. इस बीच, वह पहले से ही ईडी की हिरासत में थे. इसके बाद, 12 जुलाई को ईडी केस में सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को जमानत दे दी, लेकिन सीबीआई वाले मामले में उन्हें कोई राहत नहीं मिली, जिसकी वजह से वे सलाखों के पीछे ही रहे.
दिल्ली हाईकोर्ट ने 5 अगस्त को सीबीआई द्वारा केजरीवाल को गिरफ्तार किए जाने के फैसले को बरकरार रखा और जमानत के लिए उन्हें निचली अदालत जाने का निर्देश दिया. इसके बाद, केजरीवाल ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी और जमानत की मांग की. सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई द्वारा 5 सितंबर को गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था.
न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली दो जजों की पीठ ने 13 सितंबर को अपने फैसले में दिल्ली आबकारी नीति मामले में केजरीवाल को जमानत दे दी. यह जमानत सीबीआई वाले मामले में मिली है. इसके बाद आम आदमी पार्टी के नेता हर्षित और उत्साहित नजर आ रहे हैं. अरविंद केजरीवाल को जमानत मिलने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) के मुख्यालय के बाहर जश्न मनाया जा रहा है. 'आप' के कई नेता और कार्यकर्ता पार्टी मुख्यालय के बाहर एकत्र हुए. केजरीवाल इसी दिन शाम को जेल से बाहर आ गए हैं.