दिल्‍ली की सबसे लंबे समय तक सीएम रहने वाली शीला दीक्षित, ऐसे बनीं कांग्रेस की कद्दावर नेता
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दिल्‍ली की सबसे लंबे समय तक सीएम रहने वाली शीला दीक्षित, ऐसे बनीं कांग्रेस की कद्दावर नेता

शीला दीक्षित सबसे लंबे समय तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रही है. वह तीन बार लगातार विधानसभा चुनाव जीती और दिल्ली की सत्ता पर 15 साल तक राज किया. 

शीला दीक्षित का जन्म 31 मार्च, 1938 को पंजाब के कपूरथला में हुआ था.

नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस की वरिष्ठ नेता शीला दीक्षित का निधन हो गया है. न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक शीला दीक्षित काफी लंबे समय से बीमार चल रही थी, जिसके कारण उनकी मौत हो गई है. शनिवार को एस्कॉर्ट अस्पताल में शीला दीक्षित ने अंतिम सांस ली. शीला अभी दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष थीं. शीला दीक्षित के जाने से कांग्रेस को गहरा सदमा लगा है. वह लंबे समय दिल्ली की मुख्यमंत्री रही हैं. दिल्ली में मेट्रो और तमाम विकास का श्रेय शीला का ही जाता है.
 
आइये जानते हैं शीला दीक्षित के बारे में खास बातें....

- शीला दीक्षित सबसे लंबे समय तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रही है. वह तीन बार लगातार विधानसभा चुनाव जीती और दिल्ली की सत्ता पर 15 साल तक राज किया. दीक्षित ने 1998 से 2013 तक दिल्ली में मुख्यमंत्री पद सम्भाला था.

- शीला दीक्षित केरल के राज्यपाल का कार्यभार संभाल चुकी हैं. 

- शीला दीक्षित का जन्म 31 मार्च, 1938 को पंजाब के कपूरथला में हुआ था. उन्होंने दिल्ली के जीसस एंड मेरी कॉन्वेंट स्कूल में शिक्षा पाई और दिल्ली विश्वविद्यालय के मिरांडा हाउस से इतिहास में एमए किया था. 

- शीला दीक्षित 1984 से 89 तक कन्नौज (उप्र) से सांसद रहीं. इस दौरान वह संयुक्त राष्ट्र में महिलाओं के आयोग में भारत की प्रतिनिधि रहने के साथ लोकसभा की समितियों में भी शामिल रहीं. 

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- शीला दीक्षित राजीव गांधी सरकार में केन्द्रीय मंत्री भी रह चुकी हैं. इसके बाद वह 2014 में केरल की राज्यपाल भी रहीं. 

- शीला दीक्षित की शादी यूपी के उन्नाव के आईएएस अधिकारी स्वर्गीय विनोद दीक्षित से हुआ था. बता दें कि विनोद दीक्षित बंगाल के पूर्व राज्यपाल और कांग्रेस के बड़े नेता स्वर्गीय उमाशंकर दीक्षित के बेटे थे. शीला को कांग्रेस में लाने का श्रेय विनोद दीक्षित को ही जाता है. 

- शीला दीक्षित साल 1998 में दिल्ली प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष बनाई गईं. 1998 में ही लोकसभा चुनाव में वह कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में पूर्वी दिल्ली से चुनावी रण में उतरीं पर हार गईं. लेकिन फिर उन्होने दिल्ली विधानसभा चुनाव में जीत की हैट्रिक लगाते हुए लगातार तीन बार मुख्यमंत्री रहीं. 

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