दिल्ली सरकार ने RRTS प्रोजेक्ट के लिए अपने हिस्से का 415 करोड़ जारी कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद ही दिल्ली सरकार ने यह बड़ा फैसला लिया. भुगतान से जुड़ी जानकरी खुद दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने दी है.
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RRTS बनाम दिल्ली सरकार की खींचातानी का अंत होने जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने RRTS प्रोजेक्ट के लिए उसके हिस्से का फंड जारी कर दिया है. दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने भुगतान की जानकारी दी. दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने आज ही यानी शुक्रवार को अपने हिस्से की किस्त रिलीज कर दी और RRTS को 415 करोड़ रुपये दिए.
मंगलवार को SC ने दिया था आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को आदेश दिया था कि अगर दिल्ली सरकार (Delhi Government) फंड जारी करने में और देरी करती है तो उसे विज्ञापन फंड से RRTS प्रोजेक्ट का भुगतान किया जाएगा. आरआरटीएस परियोजना के तहत सेमी-हाई स्पीड रेल कॉरिडोर (Semi-High Speed Rail Corridor) का निर्माण होना है जिससे राजधानी दिल्ली को उत्तर प्रदेश के मेरठ से, राजस्थान के अलवर से और हरियाणा के पानीपत से जोड़ने की तैयारी है. बता दें कि दिल्ली सरकार की ओर से जारी किए गए 415 करोड़ दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर (Delhi-Meerut RRTS Corridor) के लिए हैं.
परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने दी जानकारी
दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत (Kailash Gehlot) ने शुक्रवार को भुगतान के बारे में जानकारी दी. मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को फंड जारी करने का आदेश दिया था. कुछ महीने पहले ही दिल्ली सरकार ने फंड की पहली किस्त जारी की थी जो की 80 करोड़ थी. सुप्रीम कोर्ट ने अपने इस आदेश में कहा था कि दिल्ली सरकार के पास विज्ञापन के लिए पैसा है फिर इस प्रोजेक्ट के लिए क्यों नहीं? इसके बाद शीर्ष अदालत ने विज्ञापन फंड की विस्तृत जानकारी भी मांगी थी. इस मामले में बीजेपी ने भी मुख्यमंत्री केजरीवाल पर तंज किया और कहा कि मित्रों को शराब के कारोबार में फायदा पहुंचाने के लिए इन्होंने 144 करोड़ माफ कर दिए. वहीं आम लोगों के 50 करोड़ रुपये से अपना 'शीश महल' बनवा लिया.