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नई दिल्ली: दिल्ली जिमखाना क्लब (Delhi GymKhana Club) में गड़बड़ियों की शिकायत के बाद क्लब के बोर्ड को निलंबित कर दिया गया है. लुटियंस दिल्ली के केंद्र में स्थित 107 साल पुराने जिमखाना क्लब के बोर्ड पर अनियमितता का आरोप लगने के बाद राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) ने बोर्ड को निलंबित करने का आदेश दिया.
राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) ने कहा कि अब दिल्ली जिमखाना क्लब (Delhi Gymkhana Club) का प्रबंधन एक प्रशासक द्वारा किया जाएगा, जिसे भारत सरकार नामित करेगी. न्यायाधिकरण ने निर्देश दिया कि वेटलिस्ट एप्लीकेशन (प्रतीक्षा सूची आवेदन) के निपटान तक नई सदस्यता या शुल्क या किसी तरह की भी वृद्धि को स्वीकार नहीं किया जाएगा.
इससे पहले दिल्ली जिमखाना क्लब में 1.2 करोड़ रुपये के लंबित बिल को लेकर सदस्यों को नोटिस भेजा गया था. बकाए को लेकर 11 फरवरी को सदस्यों को भेजे गए नोटिस में कहा गया था कि बकाया बिलों की कुल राशि 1.2 करोड़ है, जिसमें 21 जनवरी के लिए मासिक बिल/डिफाल्टर बकाया शामिल हैं और इसके साथ ही उन सदस्यों की ओर से बकाया भी शामिल हैं, जिनका नाम समाप्ति (टर्मिनेशन) के लिए अनुशंसित किया गया है. नोटिस में कहा गया कि सदस्य के लिए अधिकतम क्रेडिट सीमा 30 हजार रुपये तय की जाएगी. 30 हजार रुपये की सीमा पार हो जाने के बाद, सदस्यता कार्ड स्वचालित रूप से अवरुद्ध हो जाएगा.
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पिछले साल अक्टूबर में दिल्ली सरकार (Delhi Govt) ने लॉकडाउन के दौरान शराब बेचने के आरोप में दिल्ली जिमखाना क्लब का बार लाइसेंस निलंबित कर दिया था. जांच में पाया गया था कि क्लब लॉकडाउन के दौरान शराब की बिक्री कर रहा था. 17 सितंबर को निरीक्षण के दौरान क्लब में एक बार सब स्टोर पाया गया था, जिसके लिए विभाग से कोई मंजूरी नहीं ली गई थी. इसके साथ ही बार सब स्टोर से शराब की कुछ बोतलें कम थीं, क्योंकि एक पूर्व अधिकारी लॉकडाउन के दौरान कुछ बोतलें ले गए थे और इस बात की जानकारी प्रबंधक या क्लब की प्रबंधन समिति के सदस्यों को नहीं थी.
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