आज फिर 'बेहद खराब' श्रेणी में पहुंची दिल्‍ली की हवा, छाई रही धुंध
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आज फिर 'बेहद खराब' श्रेणी में पहुंची दिल्‍ली की हवा, छाई रही धुंध

बुधवार को दिल्‍ली का ओवरऑल एयर क्‍वालिटी इंडेक्‍स (एक्‍यूआई) 360 मापा गया.

(फाइल फोटो)

नई दिल्‍ली : दिल्ली की हवा की गुणवत्‍ता में पिछले दिनों सुधार देखने को मिला था. लेकिन बुधवार को फिर दिल्‍ली की हवा का स्‍तर 'खराब' श्रेणी से 'बेहद खराब' श्रेणी पर पहुंच गया. इसे दिल्‍ली में वायु प्रदूषण में भी इजाफा हुआ है. केंद्र सरकार द्वारा संचालित वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान प्रणाली (सफर) के अनुसार दिल्‍ली का ओवरऑल एयर क्‍वालिटी इंडेक्‍स (एक्‍यूआई) बुधवार को 360 रहा.

दिल्‍ली के लोधी रोड में सुबह 9 बजे तक प्रदूषण तत्‍व पीएम 2.5 का स्‍तर 322 मापा गया. जबकि यहां पीएम 10 का स्‍तर 198 मापा गया. इंदिरा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल 3 पर बुधवार सुबह 9 बजे तक पीएम 2.5 का स्‍तर 338 मापा गया. वहीं पीएम 10 का स्‍तर 325 आंका गया.

वहीं दिल्ली यूनिवर्सिटी में प्रदूषक तत्‍व पीएम 10 का स्‍तर 269 मापा गया. वहीं पीएम 2.5 का स्‍तर 343 मापा गया है. इसके अलावा पीतमपुरा में पीएम 10 का स्‍तर 344 और पीएम 2.5 का स्‍तर 395 मापा गया. वहीं दिल्‍ली से सटे नोएडा में बुधवार को पीएम 10 का स्‍तर 420 मापा गया. साथ ही पीएम 2.5 का 362 मापा गया.

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शून्य से 50 अंक तक वायु गुणवत्ता सूचकांक को ‘‘अच्छा’’, 51 से 100 तक ‘‘संतोषजनक’’, 101 से 200 तक ‘‘मध्यम’’, 201 से 300 के स्तर को ‘‘खराब’’, 301 से 400 के स्तर को ‘‘बहुत खराब’’ और 401 से 500 के स्तर को ‘‘गंभीर’’ श्रेणी में रखा जाता है.

ये हैं प्रमुख कारण
विशेषज्ञों का मानना है दिल्‍ली की हवा वाहनों के धुएं और औद्योगिक कार्य के कारण भी जहरीली हो रही है. साथ ही कोयले, कंडे और लकड़ी का ईंधन के रूप में हो रहा इस्‍तेमाल भी इसका प्रमुख कारण है. उनका मानना है कि एक बड़ी आबादी इस ईंधन पर निर्भर है, इसलिए प्रदूषण खत्‍म करने के लिए उनकी ओर ध्‍यान देना अधिक जरूरी है.

सीपीसीबी ने एजेंसियों की कार्रवाई को अपर्याप्त बताया
दिल्ली में हवा की गुणवत्ता और अधिक खराब होने के साथ-साथ मंगलवार को धुंध छाने पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने कहा कि प्रवर्तन एजेंसियों को अपनी कोशिशों में तेजी लाने को कहा गया है क्योंकि जन शिकायतों के प्रति उनकी प्रतिक्रिया अपर्याप्त पाई गई है. सीपीसीबी ने प्रवर्तन एजेंसियों को शिकायतों के त्वरित हल के लिए सोशल मीडिया से जुड़ने के लिए एक बार फिर से कहा है.

बोर्ड ने एक बैठक के बाद ब्यौरे का खुलासा करते हुए यह कहा. गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने उसे उन सरकारी अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने का आदेश दिया था जिन्होंने नागरिकों से प्राप्त करीब 250 शिकायतों पर कार्रवाई नहीं की है.

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