बेटी ने किया अंर्तजातीय विवाह, पिता ने गुस्से में आकर किया ये काम, जानकर रह जाएंगे दंग
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बेटी ने किया अंर्तजातीय विवाह, पिता ने गुस्से में आकर किया ये काम, जानकर रह जाएंगे दंग

दिल्ली महिला आयोग की टीम और पुलिस ने लड़की के पिता को यह समझाने की कोशिश की कि लड़की शादीशुदा है और कानूनी रूप से वो अपनी बेटी को उसके पति के साथ रहने से नहीं रोक सकते.

दिल्ली के सागरपुर थाने में मामला दर्ज कराया गया और लड़की को उसके पति के साथ भेज दिया गया.

नई दिल्ली: दिल्ली महिला आयोग ने एक 21 साल लड़की को उसके माता पिता के घर से छुड़ाया है. पिता ने 7 जून से अपनी बेटी को घर में क़ैद करके रखा हुआ था. बेटी की ग़लती सिर्फ़ ये थी कि उसने दूसरी जाति के लड़के से शादी कर ली थी. इस बात से लड़की के पिता इतने नाराज़ हो गए कि उन्होंने अपनी बेटी को कमरे में क़ैद कर दिया.

दोनों दिल्ली विश्वविद्यालय के एक कॉलेज में मिले थे और एक दूसरे को दो साल से ज्यादा समय से जानते थे. उन्होंने 7 जून 2019 को एक आर्य समाज मंदिर में शादी कर ली, उसके बाद लड़की अपने घर चली गयी और उसने अपने पिता को मनाने की कोशिश की. उसके पिता अंतर्जातीय और दूसरे प्रदेश में शादी के खिलाफ थे जिसके बाद उन्होंने लड़की को घर में क़ैद कर लिया. लड़का उत्तर प्रदेश और लड़की हरियाणा के रहने वाले हैं.

मामले का खुलासा तब हुआ जब लड़की का पति कुछ समय पहले अचानक एक पीड़िता से मिला जिसको दिल्ली महिला आयोग ने 2017 में क़ुतुब विहार से रेस्क्यू करवाया था. फिर लड़के ने भी अपनी पत्नी को छुडवाने के लिए दिल्ली महिला आयोग की मदद लेने का फैसला किया. पीड़िता ने लड़की के पति से कहा कि अगर वो आयोग में शिकायत करेगा तो उसकी पत्नी को भी छुड़ाया जा सकता है और उसने आयोग का पता और फ़ोन नंबर लड़के को दे दिया.

लड़के ने आयोग से संपर्क किया और अपनी परेशानी बताई. शिकायत मिलने पर दिल्ली महिला आयोग की एक टीम स्थानीय पुलिस के साथ लड़की के घर पहुंची. शुरूआत में तो लड़की के पिता ने मना किया कि उनकी लड़की घर पर नहीं है. मगर आयोग की टीम ने देखा कि कोई कमरे में बंद है. पिता के विरोध के बावजूद टीम अन्दर घुस गयी और लड़की को रेस्क्यू करवाया. लड़की ने बताया कि उसको पीटा जाता था और कमरे में बंद करके रखा गया था.

दिल्ली महिला आयोग की टीम और पुलिस ने लड़की के पिता को यह समझाने की कोशिश की कि लड़की शादीशुदा है और कानूनी रूप से वो अपनी बेटी को उसके पति के साथ रहने से नहीं रोक सकते. उसके पिता ने कहा कि वो सोचने के लिए एक महीने का समय चाहते हैं, मगर तब तक लड़की उनके साथ रहेगी. लेकिन लड़की ने घर जाने से मना कर दिया, उसको डर था कि अगर वो घर वापस गयी तो उसके पिता उसको नुकसान पहुंचा सकते हैं. इसके बाद सागरपुर थाने में मामला दर्ज कराया गया और लड़की को उसके पति के साथ भेज दिया गया.

इस मामले पर दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाती मालीवाल ने कहा कि ये बहुत दुख की बात है कि आज के जमाने में भी युवा जोड़ों को अपनी ज़िन्दगी के फैसले करने पर इस तरह के खतरों का सामना करना पड़ता है, वो भी उनके अपने माता पिता की तरफ से. कब तक माता पिता झूठे सम्मान के नाम पर इस तरह का व्यवहार करेंगे. ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिए.”

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