इससे पहले की पुलिस मौका-ए-वारदात पर पहुंच पाती कैट्स की एम्बुलेंस के जरिए घायल को एम्स भेजा जा चुका होता है, जहां डॉक्टर उसको मृत घोषित कर देते हैं.
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नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के सामने एक ब्लाइंड डबल मर्डर (Double Murder Case) केस आया. शुरुआत में जिसका ना कोई गवाह था ना कोई सबूत. लेकिन पुलिस ने जैसे ही जांच शुरू की तो एक सुराग हाथ लगा. इसके बाद डबल मर्डर की पूरी मिस्ट्री खुलती चली गई.
दरअसल, दिल्ली पुलिस की साउथ डिस्ट्रिक्ट की पुलिस को 15 जुलाई की रात को करीब 9 बजे एक कॉल मिली कि कोई शख्स फ्रीडम फाइटर कॉलोनी के गंदे नाले के पास जख्मी हालत में पड़ा हुआ है. इससे पहले की पुलिस मौका-ए-वारदात पर पहुंच पाती कैट्स की एम्बुलेंस के जरिए घायल को एम्स भेजा जा चुका होता है, जहां डॉक्टर उसको मृत घोषित कर देते हैं.
किसने उस शख्स को गोली मारी, कौन था मरने वाला पुलिस के पास कोई सुराग नहीं था. एक ब्लाइंड मर्डर केस सामने आने के बाद पुलिस ने शुरू की अपनी जांच. पुलिस की टीम सबसे पहले मौका-ए-वारदात पर पहुंची और अपनी जांच शुरू की. पुलिस ने पाया कि जहां पर बॉडी पड़ी हुई थी वहां काफी सारा खून बिखरा था. लेकिन खून के दाग जंगल की तरफ से आ रहे थे.
पुलिस ने मोबाइल सर्विलांस और सीसीटीवी के जरिए मृतक की पहचान करने की कोशिश की. लेकिन पहचान नहीं हो पाई. लेकिन सीसीटीवी से पुलिस को पहला सुराग मिला कि कुल छह लोग एक सफेद रंग की सेंट्रो कार से आए थे और कार को खाली प्लॉट के पास खड़ी करके जंगल की तरफ चले गए. पुलिस ने देखा कि जहां दीवार टूटी हुई थी वहां खून के साथ-साथ शराब की खाली बोतलें, पानी, सिगरेट भी पड़ी हुई थी. पुलिस ने तुरंत हत्या और आर्म्स एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज करके जांच शुरू की, डीसीपी अतुल ठाकुर ने मृतक की पहचान करने और कातिलों को पकड़ने के लिए पांच टीमों का गठन किया.
पुलिस गाड़ी के नंबर के जरिए गाड़ी के मालिक तक पहुंच गई. जिसने बताया कि जंगल मे एक और लाश पड़ी है. पुलिस ने तलाशी अभियान चलाया और दूसरी लाश को बरामद कर लिया पुलिस ने मरने वाले कि पहचान करने के लिए लाश को बारीकी से देखा तो लाश के हाथ पर "महाकाल" लिखा हुआ टैटू था. जिसके बाद पुलिस का काम काफी आसान हो गया था. शख्स की पहचान गीता कॉलोनी के रानी गार्डन इलाके में रहने वाले संजय के तौर पर हुई. इससे पहले जिसकी लाश बरामद हुई थी वह भी गीता कॉलोनी के रानी गार्डन इलाके का ही रहने वाला था. उसकी पहचान अब्दुल अली के तौर पर हुई. मरने वाले दोनों अपने इलाके के बदमाश थे जिनके ऊपर कई गंभीर केस चल रहे थे.
सीसीटीवी ग्रैब से मिले गाड़ी के नंबर के आधार पर पुलिस ने विपिन बाल्यान को हिरासत में लिया और उससे पूछताछ शुरू की, विपिन ने पुलिस को पूरा घटनाक्रम बताया पुलिस ने उसके बयान के आधार पर सतेंद्र नाम के व्यक्ति को भी हिरासत में लिया.
कत्ल से पहले बदमाशों ने की थी 'पैरोल पार्टी'
पुलिस को अपनी जांच में पता चला कि कुल छह लोग सेंट्रो गाड़ी से फ्रीडम फाइटर कॉलोनी के पास आए और पैदल जंगलों की तरफ गए थे. जिसके बाद सभी ने पहले तो जमकर पार्टी की उसके बाद संजय और अब्दुल अली की गोली मारकर हत्या कर दी. हत्या की वजह आपसी रंजिश बताई जा रही है. पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है जबकि दो आरोपी अभी भी फरार हैं. जिनमें से एक आरोपी हाल ही में जेल से बाहर पैरोल पर आया था और उसी के बाहर आने की खुशी में पैरोल पार्टी का आयोजन किया गया था और पार्टी खत्म होने के बाद दो-दो कत्ल को अंजाम दिया गया.