अब ग्रामीण एरिया के मुखिया अब आपको आढ़ती बने नजर आएंगे.
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हिसार: कोरोना काल (Coronavirus) में गेहूं की खरीद ना होने से परेशान किसानों को हरियाणा सरकार अब जल्द राहत देने जा रही है. सरकार ने इसके लिए एक नया फार्मूला इजात किया है. बरवाल एसडीएम के इस फॉर्मूले के जरिए अब सरपंचों को गेहूं की बिक्री का जिम्मा सौंपा है. यानी ग्रामीण एरिया के मुखिया अब आपको आढ़ती बने नजर आएंगे.
दरअसल, हरियाणा में 20 अप्रैल से गेहूं की खरीदारी शुरू हो गई है. लेकिन अपनी मांगों को लेकर आढ़ती वर्ग हड़ताल का ऐलान करते हुए लगातार सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए है. बुधवार को भी हिसार के उकलाना एरिया में आढ़तियों ने प्रदेश सरकार और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के खिलाफ अर्धनग्न होकर प्रदर्शन किया. आढ़ती वर्ग का आरोप था कि उनके साथ कमीशन और दूसरे पहलुओं को लेकर प्रदेश सरकार मनमानी कर रही है. ऐसे में वो गेहूं की परचेज नहीं कर रहे है.
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आढ़ती यूनियन के नेता धूप सिंह उकलाना, राजेश धत्तरवाल का कहना था कि सरकार की गलत नीतियों की वजह से मजबूरन आढ़तियों को हड़ताल करनी पड़ रही है. लेकिन सरकार उनकी मांगों की तरफ गौर नहीं कर रही है. जिससे परेशान होकर आढ़तियों ने अनाज मंडी में प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करने का काम किया.
एसडीएम ने सरपंचों को मनाया, अब करवाएंगे ट्रेडिंग—
बरवाला के एसडीएम राजेश कुमार ने उकलाना एरिया के दायरे में आने वाले सरपंचों से बैठक कर उन्हें ट्रेडिंग लाइसेंस देकर गेहूं की खरीद उनके जरिए कराने का फैसला किया. उन्होंने बताया कि आढ़ती वर्ग की तरह ही गेंहू की खरीद करेंगे जिसके बदले में उन्हें ढाई परसेंट कमीशन भी मिलेगा. एसडीएम के साथ बैठक कर बाहर आए सरपंचों में शामिल सरपंच बबूल खटोड़ ने कहा कि एसडीएम राजेश कुमार ने सुझाव दिया था कि किसानों को जो दिक्कत आ रही है उसमें वो आगे आएं और सहयोग करें. जिस पर सहमति बन गई है. वहीं एसडीएम का कहना है कि अब इस दिशा में जल्द काम शुरू हो जाएगा. वहीं आढ़ती वर्ग ने प्रशासन के इस फैसले का विरोध भी जताया, उन्होंने इसे गलत फैंसला कहते हुए उनकी मांगों पर विचार करने की मांग उठाई है.
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